बिहार के बदलाव से तीसरा मोर्चा बनाने के ओपी चौटाला के प्रयासों को मिली हवा
चंडीगढ़
बिहार में सियासी परिवर्तन के बाद बिहार में हलचल है। इसके साथ ही तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिशें एक बार फिर तेज हो सकती है। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों को गति मिलती नजर आ रही है। इसके साथ ही हरियाणा में भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा (जननायक जनता पार्टी) पर निगाहें टिक गई हैं।
तीसरा मोर्चा के गठन के लिए सक्रिय रहे थे ओमप्रकाश चौटाला
बता दें कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला अपने पुराने साथियों को साथ लेकर काफी लंबे समय से तीसरा मोर्चा बनाने के लिए प्रयासरत रहे हैं। चौटाला को हालांकि अपने इन प्रयासों में सफलता नहीं मिल पाई थी, लेकिन वह निराश नहीं हुए। बता दें कि जेबीटी घोटाले में सजा पूरे होने के बाद रिहा के पश्चात चौटाला की नीतीश कुमार से मुलाकात भी हुई थी।
अब बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक रिश्तों में बिखराव के बाद चौटाला एक बार फिर तीसरा मोर्चा बनाने के अपने प्रयासों को गति देते नजर आ सकते हैं। ऐसे संकेत खुद उन्होंने और उनके बेटे अभय चौटाला ने दिए हैं। हालांकि सभी को एकजुट करना और सर्वमान्य नेतृत्व पर सहमति बनना काफी कठिन काम है। जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में सजा पूरी कर चुके ओमप्रकाश चौटाला ने जेल से लौटते ही तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास आरंभ कर दिया था। इन प्रयासों की कड़ी में उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जनता दल (यू) के महासचिव डा. केसी त्यागी से कई दौर की मुलाकात हुई।
मुलायम सिंह यादव ने तो चौटाला के साथ बैठकर जलेबी तक खाई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चौटाला से हुई मुलाकात को अगर छोड़ दें तो सत्तारूढ़ भाजपा ने इन मुलाकातों को राजनीति के हाशिये पर पहुंच चुके नेताओं का मिलन करार दिया था, लेकिन ओमप्रकाश चौटाला ने प्रयास नहीं छोड़े। आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में जब ओमप्रकाश चौटाला को जेल जाना पड़ा, तब उनके छोटे बेटे इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने तीसरे मोर्चे के गठन के प्रयासों को जारी रखा। अभय चौटाला की कई बार प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और केसी त्यागी से मुलाकात हुई है, जबकि वह नीतीश कुमार के यहां एक निजी कार्यक्रम में भी भागीदारी करने पहुंचे थे।
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में अदालत से ओमप्रकाश चौटाला की सजा निलंबित हो चुकी है। फिलहाल वह जेल से बाहर हैं, लेकिन 87 साल की उम्र होने के बावजूद उन्होंने तीसरे मोर्चे के गठन की आस नहीं छोड़ी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि चौटाला इनेलो को मजबूती से खड़ा करने के प्रयासों में भी फिर से सक्रिय होंगे। चौटाला के अपने पुराने साथियों से बल्कि उन नेताओं से भी मुलाकात किए जाने की संभावना है, जिनसे वह पहले नहीं कर पाए हैं। इनमें पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार, आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और समाजवादी पार्टी के असंतुष्ट नेता शिवपाल यादव शामिल बताए जाते हैं। अभय सिंह चौटाला के उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा अध्य़क्ष मायावती और लालू यादव के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के अलावा राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी से मुलाकात किए जाने की संभावना है।
चौटाला ने नहीं तोड़ी तीसरे मोर्चे की आस
जेल से बाहर आते ही चौटाला झज्जर के दौरे पर निकल पड़े थे। फिलहाल वह सिरसा में हैं। उन्होंने दोबारा से पूरे प्रदेश को नापने का ऐलान कर दिया है। बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) का भाजपा से गठबंधन टूटने की खबर आने के साथ ही ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला के बीच बातचीत हुई है।
अभय चौटाला का कहना है कि देश में तीसरा मोर्चा बनकर रहेगा। इसके लिए बड़े चौटाला और मैं मिलकर प्रयास कर रहे हैं। जल्दी ही वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातों का दौर तेज किया जाएगा। हरियाणा की अगर बात करें तो अभय सिंह चौटाला विभिन्न दलों के अंसतुष्ट नेताओं को साथ लेकर चलते हुए एक राज्य स्तरीय तीसरा मोर्चा तक गठित करने के प्रयास करते नजर आ रहे हैं।
चौटाला के तीसरे मोर्चे में पोते दुष्यंत चौटाला का साथ संभव
ओमप्रकाश चौटाला के सपने वाले तीसरे मोर्चे में उनके पोते दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के शामिल होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। भले ही आज राज्य में भाजपा व जजपा का गठबंधन है, लेकिन एक बार शहरी निकाय चुनाव में भाजपा व जजपा का गठबंधन चुनावी टूट गया था, जिसे बाद में इसलिए जोड़ा गया, क्योंकि कांग्रेस सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ रही थी और शहरी निकाय चुनाव में भाजपा व जजपा ही आमने-सामने लड़ते नजर आते। दो दिन पहले ही हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और जजपा महासचिव दिग्विजय चौटाला के बीच मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर गरमा-गरम बयानबाजी हो चुकी है। ऐसे में यदि 2024 के चुनाव में भाजपा व जजपा के राजनीतिक रिश्तों में बिखराव आया तो जजपा को तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनते देर नहीं लगेगी। दुष्यंत चौटाला के बादल परिवार और नीतीश कुमार के साथ बढ़िया संबंध हैं।