झारखंड में सोरेन सरकार पर संकट ,चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी निगाहें
रांची:
झारखंड में सियासी हलचल तेज हो रही है। यहां मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन की सरकार में भी बदलाव हो सकता है। यदि चुनाव आयोग इनके विपक्ष में फैसला दे देता है तो जरूर सरकार बदल सकती है। मामला किसी शिकायत को लेकर जुड़ा है। अब सबकी निगाहें आयोग के निर्णय पर है। सोरेन के खिलाफ वैसे तो भाजपा ने शिकायत की थी लेकिन हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रतिकूल फैसला आने के बाद कांग्रेस भी दबाव बढ़ा सकती है। आइये समझते हैं कि यह क्या मामला है।
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित कराया। मुख्यमंत्री के पास खान विभाग भी है। भाजपा का दावा है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है, लिहाजा उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जाए। बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत में निर्वाचन आयोग से एक खनन कंपनी में साझीदार होने संबंधी तथ्य छिपाने का आरोप है।
इस पर राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा तो आयोग ने नोटिस भेजकर जवाब तलब किया। आयोग में हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रहे मामले में बहस पूरी हो गई है। इसमें अब निर्णय आना बाकी है। आयोग का फैसला अगर इनके पक्ष में आता है तो बड़ी राहत होगी, लेकिन प्रतिकूल फैसला आने पर भारी उलटफेर की गुंजाइश है।
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए शनिवार को यूपीए विधायकों की एक अहम बैठक बुलायी गयी थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 37 विधायक ही उपस्थित रहे, जबकि 82 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 42 का आंकड़ा जरूरी है, ऐसे में आज की बैठक में 11 विधायकों की अनुपस्थिति से हेमंत सरकार के क्राइसिस मैनेजरों की नींद उड़ गयी है। वहीं विभिन्न कारणों से आज जो बैठक में उपस्थित नहीं हो पाये,उन्हें अपने पक्ष में बनाये रखने के लिए अब कवायद शुरू हो गयी है।
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यूपीए विधायकों की हुई बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर तो यही जानकारी दी कि जनसमस्याओं के समाधान और अल्पवृष्टि से कम बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की गयी, लेकिन अंदरखाने में इस बैठक का मुख्य एजेंडा सरकार की स्थिरता को बनाये रखना ही प्रमुख था। बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर सिर्फ इतनी ही जानकारी दी गयी कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को झामुमो, कांग्रेस और राजद के मंत्रियों एवं विधायकों की बैठक राज्य के विकास को लेकर कई मायनों में महत्वपूर्ण थी।