CM योगी का ऐलान – कम बारिश से किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी सरकार
लखनऊ
मॉनसून की बेरुखी, कम बारिश और कहीं-कहीं सूखे जैसे हालात के चलते हुए फसलों के नुकसान की भरपाई योगी आदित्यनाथ सरकार करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों को बड़ी राहत का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घण्टे के भीतर ठीक किया जाए। बकाये के कारण किसानों के ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं। उधर, मौसम विभाग ने कहा है कि मॉनसून की विदाई में अभी डेढ़ महीने का वक्त बचा है। सितम्बर के अंत में अच्छी बारिश होने की उम्मीद बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम सूखे की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक में ये निर्देश देते हुए बेहतर राहत कार्ययोजना तैयार करने का कहा है। उन्होंने कहा कि किसान का हित सुरक्षित रखा जाएगा। खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का सूक्ष्मता से आकलन करते हुए किसानों को हर संभव मदद मुहैया उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को पूरी बिजली मिलेगी और अन्नदाताओं के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं कटेंगे। ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक किया जाए। प्रदेश में वर्षा की स्थिति, फसल बोआई की सही स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट अगले तीन दिन के भीतर केन्द्र सरकार को भेजी जाए। अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सभी जिलों एवं कृषि विभाग से फसल की स्थिति, पेयजल की स्थिति एवं पशुओं के लिए चारा की उपलब्धता के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त की जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना आवश्यक है। कम बारिश के कारण कई क्षेत्रों में धान की पैदावार पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करना बेहतर विकल्प हो सकता है। गत वर्ष इसी तिथि तक 98.9 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी। बोआई लक्ष्य के अनुरूप है, लेकिन कम वर्षा के कारण प्रदेश में फसलों को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पम्प कैनालों का संचालन सुचारू रूप से जारी रहे। संवेदनशील तटबंधों की निगरानी के लिए सतत पेट्रोलिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कम बारिश हुई है, संभव है कि आने वाले कुछ दिनों में तेज और अधिक वर्षा हो। ऐसे में हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जाए किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किया जाए। बाढ़ व अतिवृष्टि की स्थिति पर नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी तथा आपदा प्रबंधन टीमों को सातों दिन चौबीस घण्टे एक्टिव मोड में रखा जाए।