6 साल बाद फिर मूक-बधिर बच्चों की आवाज बनेगा जिला अस्पताल
ग्वालियर
मूक बधिर बच्चें सामान्य व्यक्ति की तरह बोल और सुन सकेंगे। यह सब स्वास्थ्य विभाग के जरिए सच होने जा रहा है। जिला अस्पताल मुरार में इसके लिए हस्तक्षेप केंद्र में स्पीच थैरेपिस्ट एंड ऑडियोलॉजिस्ट अनीता धाकड़ की नियुक्ति की गई है। खास बात ये है कि यह नियुक्ति 6 साल बाद की गई है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब मूक बधिर बच्चों का इलाज जिला अस्पताल में संभव हो सकेगा। वहीं आरबीएसके योजना के अंतर्गत जिन बच्चों को ऑपरेशन व प्लांट की आश्यकता होगी वह भी पूरी कराई जाएगी।
क्या है कि आरबीएसके योजना
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना भारत सरकार की स्वास्थ्य योजना है जसिके तहत 18 और उससे कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त इलाज और चेकअप करवाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे बच्चे हैं जनिके परविारों की आर्थिक स्थतियिां ठीक नहीं है या वो चकित्सिा सेवा की पहुंच से दूर हैं, ऐसे बच्चों के लिए ये योजना लाभदायक है। योजना के तहत जन्म के समय कोई रोग, बीमारी या चेकअप के दौरान बीमारी का पता चलने पर बच्चे को मुफ्त इलाज दिया जाता है। इसके अलावा स्कूलों में चेकअप और नवजात शशिुओं को स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की जाती है।