6 राज्यों की 44 महिला विधायक व दो राज्यपाल उदयपुर में सीखेंगी प्रभावी नेतृत्व के तौर-तरीके
उदयपुर
देश के छह राज्यों की 45 महिला विधायक 21 सितम्बर बुधवार से राजस्थान के उदयपुर में भावनात्मक बुद्धिमता से प्रभावी नेतृत्व के तौर-तरीके सीखेंगी। इसके लिए ‘जेंडर रिस्पोंसिव गवर्नेंस’ यानी ‘लिंग उत्तरदायी शासन’ विषय पर पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशला में दो राज्यों की महिला राज्यपाल और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और उड़ीसा की महिला विधायक भाग लेंगी।
जानकारी हो कि तीन दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में महिला विधायकों के लिए दूसरों को प्रभावित करने के तरीकों के साथ लिंग संवेदी और समावेशी संचार विषय के अंतर्गत इन्हें प्रभावशाली संचार के सूत्र बताए जाएंगे। महिलाओं और किशोरियों पर केंद्रित रहते हुए लिंग आधारित हिंसा के बारे में जानकारी दी जाएगा।
उन्हें बताया जाएगा कि विकसित ढांचे का उपयोग करते हुए किस तरह से महिलाओं में प्रभावशाली नेतृत्व किया जा सकता है। इस दौरान यह भी बताया जाएगा कि समावेशी सरकार की दिशा में अब तक भारत में क्या कदम बढ़ाए गए हैं और भविष्य की क्या राह होगी
उदयपुर के एक निजी होटल में आयेोजित होने जा रही यह कार्यशाला महिला आयोग और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के संयुक्त प्रयासों से आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का उद्घाटन 21 सितम्बर को होगा, जिसकी मुख्य अतिथि तेलंगाना और पुड्डुचेरी की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदर राजन होंगी। जबकि विदाई समारोह 23 सितम्बर को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके के मुख्य आतिथ्य में संपन्न होगा।
कार्यशाला के लिए उदयपुर की एक सितारा होटल के वीआईपी सेक्शन के 75 कमरे चार दिनों के लिए बुक किए गए हैं। ढाई सौ कमरों वाले होटल में आने वाले मेहमानों के लिए छह राज्यों के हिसाब से मैन्यू बनाया गया है। मेहमान 20 सितम्बर से आना शरू हो जाएंगे। इनका मेवाड़ी अंदाज में स्वागत किया जाएगा और हर शाम कल्चरल प्रोगाम आयोजित होंगे।
उदयपुर में दूसरा चरण, पहला धर्मशाला में जून में आयोजित हुआ था
राष्ट्रीय आयोग ने सीइज चेंज मेकर प्रोगाम के तहत यह अखिल भारतीय कार्यशाला शुरू की है। इसका पहला चरण जून 2022 में उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की 116 महिला विधायकों के लिए धर्मशाला में हुआ थां। दूसरे चरण में अब छह राज्यों की महिला विधायकों को शामिल किया जा रहा है।