September 30, 2024

किसानों को सीएम योगी ने दी राहत, कम गुणवत्ता वाले गेहूं का खर्च सरकार उठाएगी, कैबिनेट की मंजूरी

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 लखनऊ

 
योगी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। मौसम की बेरुखी के कारण बर्बाद हुए गेहूं की खरीद पर हो रहे खर्च की भरपाई सरकार करेगी। यूपी में हो रही गेहूं की सरकारी खरीद में कम गुणवत्ता वाले गेहूं की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिकतम 37.18 रुपये प्रति कुंतल की दर से कटौती की जाएगी। अधिकतम कटौती 37.18 रुपये प्रति कुंतल की दर से अतिरिक्त व्ययभार की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

इस बारे में खाद्य विभाग की ओर से लाये गये प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की। बताते चलें कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश व ओलावृष्टि के चलते गेहूं की फसल की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हुआ था। इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से निर्देश जारी किये गये थे कि बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुए गेहूं की भी सरकारी खरीद की जाएगी।

 ऐसे में कम गुणवत्ता वाला गेहूं खरीदने में 37.18 रुपये प्रति कुंतल की जो कटौती होगी उसका वहन प्रदेश सरकार करेगी हालांकि किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति कुंतल के भाव से ही भुगतान दिया जाएगा।

यूपी में गेहूं व धान की सरकारी खरीद ई-पॉप मशीन से होगी

उत्तर प्रदेश में अब रबी व खरीफ विपणन वर्ष में गेहूं व धान की सरकारी खरीद इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज मशीन (ई-पॉप) से की जाएगी। इस बारे में खाद्य विभाग की ओर से लाए प्रस्ताव को शुक्रवार को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की।

इस प्रस्ताव के अनुसार मौजूद खरीद प्रणाली में खरीद केन्द्रों पर किसानों की उचित पहचान की व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ अधिक से अधिक किसानों को पहुंचाने के उद्देश्य से गेहूं और धान की खरीद इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज (ई-पॉप) से किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

गेहूं व धान खरीद केन्द्रों पर ई-पॉप मशीन की स्थापना और इसके संचालन के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया के जरिये सिस्टम इंटीग्रेटर सेवा प्रदाता के चयन किए जाने के लिए यूपी डेस्को को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

यूपी डेस्को द्वारा तैयार की गई आरएफपी के अनुसार इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज (ई-पॉप) मशीन से आधार प्रमाणीकरण द्वारा गेहूं और धान की सरकारी खरीद की जाएगी, जिसके लिए सिस्टम इंटीग्रेटर सेवादाता से मशीनें किराए पर ली जाएंगी। इस पर करीब 25.62 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है।

 

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