श्रीलंका के घरेलू तेल बाजार में चीन की एंट्री, चायनीज तेल कंपनी सिनोपेक के साथ किया बड़ा समझौता
श्रीलंका
नकदी संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने चीनी तेल कंपनी सिनोपेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया हैं, जिसके बाद श्रीलंका के तेल बाजार में चीन की एंट्री हो गई है। पीटीआई ने कहा है, कि द्वीप राष्ट्र श्रीलंका ने पेट्रोलियम उत्पादों के महत्वपूर्ण भंडारण, वितरण और बिक्री को लेकर चीनी तेल और गैस दिग्गज कंपनी सिनोपेक के साथ एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
श्रीलंकन तेल बाजार में घुसा चीन
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, श्रीलंका की सरकार ने चीन की दिग्गज तेल कंपनी सिनोपेक के साथ लंबी अवधि के लिए डील साइन कर लिया है। चीन की ये तेल कंपनी सरकार के अधीन है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च महीने में चीन की सरकारी तेल कंपनी की तरफ से तेल बाजार में उदाकरण को लेकर ऑफर दिया गया था, जिस प्रस्ताव को अब श्रीलंका की सरकार ने मान लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियन तेल कंपनियां को भी श्रीलंका के खुदरा बाजार में उतरने की अनुमति दी गई है।
आपको बता दें, कि द्वीप राष्ट्र श्रीलंका के खुदरा ईंधन बाजार पर 2003 तक सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) का एकाधिकार था, जो देश की सरकारी तेल कंपनी थी। लेकिन, साल 2003 में पहली बार भारत की इंडियन ऑयल कंपनी (IOC) को श्रीलंका में काम करने की अनुमति दी गई थी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति की ओर से जारी बयान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, कि "द्वीप राष्ट्र में महत्वपूर्ण भंडारण, वितरण और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री पर लंबी अवधि के अनुबंध के लिए चीन और सिंगापुर में सिनोपेक फ्यूल ऑयल लंका लिमिटेड और इसकी मूल कंपनी के साथ बातचीत पूरी हो गई है।"