संस्कार देने वाले शिक्षक पेपर लीक कर रहे हैं, राजस्थान हाईकोर्ट ने दो भाइयों को लगाई फटकार
नई दिल्ली
पेपर लीक से जुड़े एक मामले में राहत मांगने राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे दो शिक्षकों को जज ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट का कहना है कि जिन शिक्षकों से संस्कार और शिक्षा देने की उम्मीद की जाती है, वे पेपर लीक कराने जैसे गलत काम कर रहे हैं। साथ ही कोर्ट ने दोनों शिक्षकों को राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत का मानना है कि इसम मामले में याचिकाकर्ता जैसे लोगों के साथ किसी तरह की सहानुभूति नहीं होनी चाहिए।
भागीरथ राम और उसके भाई रावत राम ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके जरिए उन्होंने निलंबन और बाद में सेवा से निकाले जाने के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। सुनवाई कर रहे जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस माथुर ने कहा, 'इस मामले में याचिकाकर्ता टीचर्स हैं, वे हमारे देश की युवा पीढ़ी को शिक्षा और संस्कार देते हैं। ये याचिकाकर्ता उदयपुर के एक होटल में पेपर सॉल्व कर रहे अन्य लोगों के साथ रंगे हाथों पकड़े गए थे। ये डमी उम्मीदवारों की मदद में शामिल थे और राजस्थान में शिक्षक भर्ती में डमी उम्मीदवारों की मदद के लिए असंवैधानिक और अनैतिक उपाय कर रहे थे।'
इस दौरान कोर्ट ने राजस्थान में पेपर लीक की घटनाओं पर चिंता भी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'कोर्ट को यह कहते हुए दुख हो रहा है कि याचिकाकर्ता जैसे बदमाशों की तरफ से पेपर लीक और दूसरे गलत काम समाज में तबाही मचा रहे हैं। इससे ईमानदार छात्रों का करियर खतरे में पड़ रहा है। इन गलत कामों में शिक्षकों का शामिल होना गंभीर चिंता का विषय है।'
क्या था मामला
दोनों को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। दिसंबर में ही उन्होंने निलंबित कर दिया गया था। दोनों याचिकाकर्ता उदयपुर के एक होटल में कुछ अन्य लोगों के साथ डमी उम्मीदवारों के पेपर सॉल्व करते पाए गए थे।