कानपुर CSJMU में स्टूडेंट्स ने मचाया उधम तो मिलेगी सजा, करवाएंगे बुजुर्गों या मंदिरों की सेवा
कानपुर
कानपुर में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के छात्र अकारण कक्षा से गायब हुए या झगड़ा-फसाद किया तो अब अर्थदंड, निलंबन या निष्कासन नहीं होगा। उन्हें ऐसी सजाएं मिलेंगी, जो उनमें सुधार करें और उनका असर अभिभावकों पर न पड़े। विवि अब उद्दंड छात्रों से सजा के तौर पर मंदिर में व्यवस्था और भक्ति, योग केन्द्र में योगाभ्यास और वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की सेवा कराएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय ने वृद्धाश्रम, योग केन्द्र और इस्कॉन से समझौते किए हैं। जब यह संस्थान पूरी सजा भुगत लेने का प्रमाणपत्र देंगे, तभी सजा पाने वाले छात्र को विवि में पढ़ने की अनुमति मिलेगी।
सीएसजेएमयू प्रशासन उद्दंड छात्रों को सख्त सजाएं दे रहा है। पिछले 20 दिन में 24 छात्र-छात्राओं को निलंबन, निष्कासन, जुर्माना, विवि में प्रवेश पर प्रतिबंध जैसी सजाएं दी गई हैं। पाया गया है कि ऐसी सजाओं से छात्रों में भय तो है पर व्यक्तित्व विकास और सुधार के नजरिए से यह कारगर नहीं हैं। लिहाजा यह पहल की गई है। शिक्षा विदों का मानना है कि वृद्धाश्रम में सेवा, इस्कॉन में भक्ति, योग, गांवों में समाज सेवा, विवि परिसर में सेवा, पशु-पक्षियों की सेवा जैसी सजाएं उन्हें बेहतर बनाएंगी। संबंधित संगठन-संस्था की एनओसी के बाद ही छात्र-छात्राएं इस सजा से मुक्ति पा सकेंगे।
अब तक जुर्माना, निष्कासन और निलंबन ही सजा
अनुशासनहीनता करने वाले विद्यार्थी के खिलाफ विवि मुख्य रूप से जुर्माना, निष्कासन या 15 दिन, एक माह, दो माह, तीन माह, छह माह या एक साल का निलंबन करता है। जिससे छात्रों का शैक्षणिक व अभिभावकों का आर्थिक नुकसान होता है। इससे छात्रों के व्यक्तित्व पर कोई अंतर नहीं आता है। कुलपति, प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि छात्रों में सेवा भाव विकसित करने का प्रयास किया गया है। अनुशासनहीनता या उद्दंडता करने वाले छात्रों के स्वभाव व व्यक्तित्व में बदलाव लाने का प्रयास है। इसका प्रस्ताव तैयार है, जल्द इसे लागू किया जाएगा।