October 6, 2024

नए संसद भवन के उद्घाटन का विपक्ष द्वारा विरोध गलत – गुलाम नबी आजाद

0

श्रीनगर
 दिल्ली की नई संसद भवन बिल्डिंग का उद्घाटन होने जा रहा है। 28 मई को भव्य आयोजन किया गया है। नई संसद भवन के उद्घाट को लेकर विवाद हो रहा है। कई विपक्षी दलों ने कार्यक्रम में न जाने का फैसला किया है। बायकॉट को लेकर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सभी सांसदों को नए संसद भवन के निर्माण का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वह दिल्ली में होत तो उद्घाटन समारोह में जरूर शामिल होंते।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नए संसद भवन के निर्माण का विचार सबसे पहले पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार के समय में रखा गया था, लेकिन बाद में यह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

'इसका स्वागत करना चाहिए'
कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता ने कहा, 'यह (नए संसद भवन का निर्माण) अच्छी बात है। यह एक अच्छी संसद है। नरसिम्हा राव सरकार के दौरान भी ऐसा प्रस्ताव था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। अब जब इसका निर्माण हो गया है, तो सभी सांसदों को इसका स्वागत करना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है।'

'सरकार की प्रशंसा की जानी चाहिए'
गुलाम नबी ने कहा, 'अगर मैं दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जरूर शामिल होता। विपक्ष को रिकॉर्ड समय में नई संसद बनाने के लिए सरकार की प्रशंसा करनी चाहिए, जबकि वे सरकार की आलोचना कर रहे हैं। मैं विपक्ष के इसका बहिष्कार करने के सख्त खिलाफ हूं।'

विधायी ढांचे की मांग
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विधायी ढांचा नहीं होने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'विधायकों की सीटें खाली हैं। इस सेटअप की बहाली से लोगों की समस्याएं कम हो सकती हैं।'

आजाद ने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे के विचार पर आधारित पुराने भारत की बहाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, 'हम भी पुराने जम्मू-कश्मीर की बहाली चाहते हैं।' राजौरी की अपनी यात्रा के दूसरे दिन, आजाद ने बढ़ती बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि और जम्मू-कश्मीर की गिरती अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनसे नौकरियां और जमीन छीनी जा रही है।

पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सत्ता में चुने जाने पर, DPAP स्थानीय लोगों की दुर्दशा के लिए मूकदर्शक नहीं बनेगी और उनकी नौकरियों और भूमि अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए सभी राजनीतिक और कानूनी पहल करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *