सीधी भर्ती में भारत सरकार के 4 प्रतिशत की तुलना में दिव्यांगजनों के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण छत्तीसगढ़ में
रायपुर
विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की उपसंचालक ने बताया की शासन के विभिन्न विभागों में प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी के सीधी पदों की भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का यह प्रावधान जहां भारत सरकार में 4 प्रतिशत है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह 7 प्रतिशत है।
ज्ञात हो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम- 2016 को 19 अप्रैल 2017 से लागू किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 34 की उपधारा (1) के प्रावधानों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य शासन के सभी विभागों के अंतर्गत आने वाले विभागाध्यक्षों, उनके अधीनस्थ कार्यालयों, समस्त शासकीय उपक्रमों, स्थानीय निकायों, निगम, मण्डल एवं आयोगों में सीधी भरती के माध्यम से भरे जाने वाले सभी श्रेणियों (प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ) के पदों में दिव्यांगजनों के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण समस्तर (होरिजॉन्टल) निर्धारित किया गया है।जिसमें अंध और निम्न दृष्टि 2 प्रतिशत, बधिर और श्रवणशक्ति में 2 प्रतिशत,चलन दिव्यांगता जिसके अंतर्गत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ बौनापन, अम्ल आकमण पीड़ित और पेशीय दुष्योषण भी है, 2 प्रतिशत, स्वपरायणता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता एवं बहुदिव्यांगता जिसके अंतर्गत प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किए गए पदों बधिर,अंधता भी 1 प्रतिशत है।
इसी तरह राज्य के परिपत्र 26 फरवरी 2014 द्वारा राज्य में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर दिव्यांगजनों को पदोन्नतियों में 3 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान है। दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति की नियुक्ति अनारक्षित रिक्तियों में भी की जा सकेगी,जो दिव्यांगजनों के लिये विज्ञापित नहीं है बशर्ते कि पद संगत श्रेणी की दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के लिये उपयुक्त है, पद चिन्हित किया गया है।केवल ऐसे व्यक्ति आरक्षण के लिये पात्र होंगे जो कम से कम 40 प्रतिशत संगत दिव्यांगता से ग्रस्त हो। इसके लिये सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किया गया दिव्यांगता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है, दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों की चारों श्रेणियों के लिये अलग-अलग आरक्षण होगा। यदि दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों की किसी के लिये आरक्षित रिक्ति को उस दिव्यांगता वाले उपयुक्त व्यक्ति के उपलब्ध न होने के कारण अथवा प्रशासकीय अनुमोदन के बाद चारों श्रेणी में आपसी अदला बदली के बाद भी उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न होने के कारण भरा नहीं जा सकता है तो उसे अगले भर्ती वर्ष के लिये कैरिफारवर्ड किया जायेगा।