November 26, 2024

खिताबी मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस आमने-सामने, रिकॉर्ड पांचवें खिताब से एक कदम दूर एमएस धोनी

0

नई दिल्ली
आईपीएल का यह सीजन शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और तिलक वर्मा जैसी उभरती हुई युवा प्रतिभाओं के लिए पहचाना जा सकता है। यह भी हो सकता है कि इस सीजन को इशांत शर्मा, पीयूष चावला और मोहित शर्मा जैसे भूले-बिसरे गेंदबाजों की धमाकेदार वापसी के लिए याद किया जाए। संभव है कि यह सीजन अपने सांस रोक देने वाले रोमांचक मैचों और अभूतपूर्व रिकॉर्डों के लिए जाना जाए, लेकिन सबसे ज्यादा संभावना इस बात की है कि आईपीएल 2023 को धोनी के आखिरी क्रिकेट टूर्नामेंट के रूप में याद किया जाएगा। लिहाजा जब महेंद्र सिंह धोनी रविवार को आईपीएल फाइनल में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ अपनी पीली-जर्सी संभवतः आखिरी बार पहनकर उतरेंगे, तो वह चेन्नई सुपर किंग्स को रिकॉर्ड पांचवीं बार चैंपियन बनाना चाहेंगे।

धोनी चेन्नई के कप्तान के रूप में कुल 10 आईपीएल फाइनल खेल चुके हैं। उन्होंने अपना पहला आईपीएल फाइनल 2008 में शेन वॉर्न की राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेला था। पीढ़ी दर पीढ़ी टीमें और कप्तान बदलते गए, लेकिन धोनी ने अपनी चमक से आईपीएल के अंतिम चरण को रोशन रखा। फ्रेंचाइजी के लिए दो साल प्रतिबंधित होने के बावजूद चेन्नई सर्वाधिक आईपीएल जीतने के मामले में सिर्फ मुंबई इंडियन्स (पांच) से ही पीछे है। धोनी की चाह होगी कि वह रविवार को एक और आईपीएल फाइनल जीतकर मुंबई के इस रिकॉर्ड की बराबरी कर लें।

गुजरात के घरेलू मैदान नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर हालांकि यह आसान नहीं होगा। सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल पिछले चार मैचों में तीन शतक जड़कर शानदार फॉर्म में हैं और नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर उनकी फॉर्म अलग ही परवान चढ़ जाती है। गिल इस मैदान पर 11 टी20 मैचों में 70.00 की औसत और 157.50 के स्ट्राइक रेट से 630 रन बना चुके हैं, जिसमें दो शतक और तीन अर्द्धशतक शामिल हैं। मुंबई के विरुद्ध दूसरे क्वॉलिफायर में उनकी 60 गेंदों पर खेली गयी 129 रन की विस्फोटक पारी ने चेन्नई को जरूर चौकन्ना कर दिया होगा। गिल, हार्दिक पांड्या और डेविड मिलर जैसे बल्लेबाजों से भरी गुजरात की गेंदबाजी भी कुछ कम नहीं। मोहम्मद शमी (28), राशिद खान (25) और मोहित शर्मा (23) आईपीएल 2023 में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों की सूची में क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। यह आंकड़ा ही पांड्या की टीम की गेंदबाजी के वर्चस्व की गवाही देने के लिए काफी है।
 

इस गेंदबाजी आक्रमण को बेअसर करने के लिये धोनी की टीम अपने सलामी बल्लेबाजों पर निर्भर होगी। डेवन कॉनवे और ऋतुराज गायकवाड़ के बल्लों से निकले रहन कई मौकों पर चेन्नई के लिए बहुमूल्य साबित हुए हैं, जिसका मुख्य कारण मध्यक्रम की असफलता है। सीजन की जोरदार शुरुआत करने वाले अजिंक्य रहाणे पिछले कुछ मैचों में खास प्रभाव नहीं डाल सके हैं, जबकि मोईन अली और अंबाती रायडू के लिए भी यह सीजन औसत दर्जे का रहा है। गेंद से चेन्नई को कई मैच जिताने वाले रवींद्र जडेजा से फिनिशर की भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है लेकिन वह इस साल इस किरदार में सफल नहीं हुए हैं।
 

शिवम दुबे के अलावा चेन्नई मध्यक्रम का कोई बल्लेबाज निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं कर सका है और फाइनल में भी इस लंबी कद-काठी वाले युवा से चेन्नई को लंबे-लंबे छक्कों की उम्मीद होगी। आमतौर पर अनुभवी खिलाड़ियों पर निर्भर रहने वाली चेन्नई इस साल दूबे, मथीशा पथिराना और महीष तीक्षणा जैसे युवाओं के दम पर ही सफल हुई है। इन युवाओं का बेखौफ अंदाज चेन्नई को चैंपियन बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

अंततः, खिताबी मुकाबले में दीपक चाहर चेन्नई का तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। अगर यह प्रतिभावान स्विंग गेंदबाज शुरुआती ओवरों में गिल सहित गुजरात के ऊपरी क्रम के कुछ बल्लेबाजों को आउट कर देता है तो मैच में चेन्नई का पलड़ा भारी हो जायेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *