छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब केंद्रीय कर्मचारियों की भी लगेगी ड्यूटी
रायपुर .
छत्तीसगढ़ में विधानसभा समेत सभी चुनावों में अब तक केंद्रीय कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी में ड्यूटी नहीं लगती थी, लेकिन इस बार ऐसा करने की तैयारी है। प्रदेश के निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों की एंट्री पोलिंग पार्टी इलेक्शन साफ्टवेयर(पीपीईएस) में शुरू कर दी है।
पिछले चुनाव में इस साफ्टवेयर में राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों की ही एंट्री थी, इसलिए पोलिंग पार्टी में उन्हें भी भेजा गया था। केंद्रीय कर्मचारियों की इस बार एंट्री की जा रही है, इसका आशय यही है कि अब उन्हें भी चुनाव करवाने के लिए भेजा जाएगा। ड्यूटी तो पहले भी लगती रही है, लेकिन पोलिंग पार्टी में केंद्रीय कर्मियों को पहले नहीं भेजा गया था।
छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। राज्य निर्वाचन कार्यालय तथा जिला निर्वाचन शाखाओं ने तैयारी शुरू कर दी है। शुरुआत ही पीपीईएस में अधिकारी-कर्मचारियों की एंट्री से की गई है। जैसे रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग वगैरह में अब तक औसतन 10 हजार कर्मचारियों की एंट्री की जा चुकी है। यही साफ्टवेयर रेंडमाइज तरीके से पोलिंग पार्टियां बनाएगा।
एंट्री में पहली बार केंद्रीय विभाग जैसे डाकघर, दूरसंचार विभाग, एनएचएआई, केंद्रीय भूजल, एसईसीएल, रेलवे, आयकर विभाग, सीएसटी और भारतीय खाद्य निगम आदि की ड्यूटी लगेगी। यह स्पष्ट नहीं है कि ईडी अफसर-कर्मचारी इसमें शामिल हैं या नहीं।
बिलासपुर की उप जिला निर्वाचन अधिकारी ललिता भगत के अनुसार केंद्र सरकार से जुड़े विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की पीपीईएस में एंट्री चुनाव आयोग के निर्देश पर कर रहे हैं, ताकि पोलिंग पार्टी में उनकी ड्यूटी लगाई जा सके। हालांकि राज्य के कर्मचारी संगठनों का मानना है कि 24 हजार पोलिंग बूथ में वोटिंग कराने के लिए राज्य के कर्मचारी पर्याप्त संख्या में हैं।
मतदान केंद्र 23907 हुए, इनमें 76 नए शामिल
छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 76 पोलिंग बूथ (मतदान केंद्र) बढ़ाए गए हैं। अब बूथ संख्या 23907 हो गई है। हर बूथ में एक पोलिंग पार्टी चुनाव कराने जाती है। हर पार्टी में 4 सदस्य होते हैं। वहीं कुल ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का 10 प्रतिशत रिजर्व रखा जाता है। प्रदेश में 5 जनवरी की स्थिति में पुरुष मतदाताओं की संख्या 97.27 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 97.26 लाख है।
फोटो, एपिक नंबर और बैंक अकाउंट जरूरी
कर्मचारियों की पीपीईएस में एंट्री के लिए उनके पासपोर्ट साइड फोटो, बैंक खाता और एपिक नंबर लिए जा रहे हैं। डीटेल इसलिए ले रहे हैं ताकि पता चले कि कर्मचारी किस विधानसभा क्षेत्र का है, ताकि उसकी ड्यूटी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में लगाई जाए। बैंक खाते का डीटेल इसलिए लिया गया है, ताकि चुनावी मानदेय की राशि कर्मचारी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जा सके। यही नहीं, हर कर्मचारी से उनकी सेवा पुस्तिका का पहला पेज भी लिया जा रहा है।