November 25, 2024

श्रमिकों के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता:श्रम मंत्री सिंह

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भोपाल

भोपाल में सोमवार को मेगा जॉब फेयर एवं श्रमिक चौपाल में श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के समस्त असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए ई-श्रम पोर्टल का निर्माण किया गया है। सभी राज्यों द्वारा अपने राज्य में अंसगठित श्रमिकों का पंजीयन ई-श्रम पोर्टल पर किया जा रहा है। वर्तमान में ई-श्रम पोर्टल पर मध्यप्रदेश में असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ 70 लाख 35 हजार 143 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है।

श्रम मंत्री सिंह ने कहा कि इन श्रमिकों को केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना में अब तक प्रदेश में 4 लाख 68 हजार से अधिक परिवारों को अंत्येष्टि तथा अनुग्रह सहायता योजना में 4211 करोड़ रूपये से अधिक के हितलाभ दिये गये हैं। वर्तमान में संबल योजना में एक करोड़ 57 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। मऊगंज, जिला रीवा में 4 मार्च 2023 को 23 हजार से अधिक प्रकरणों में 530 करोड़ रूपये का हितलाभ वितरण किया गया था।

मंत्री सिंह ने कहा कि 16 मई 2022 से संबल 2.0 योजना में पंजीयन की प्रकिया पुनः प्रारंभ कर दी गई है। पंजीयन से लेकर हितलाभ प्राप्त करने तक की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। संबल 2.0 योजना में पोर्टल पर 16 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन हो चुका है। साथ ही योजना में हितलाभ वितरण की प्रक्रिया भी चल रही है। उन्होंने कहा कि संबल योजना में पंजीबद्ध असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये, सामान्य मृत्यु पर 2 लाख, स्थाई अपंगता पर 2 लाख और आंशिक स्थाई अपंगता पर एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम किया गया है। प्रदेश में लगभग 16 लाख 80 हजार निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। इन श्रमिकों के कल्याण के लिए 18 योजनायें संचालित की जा रही हैं।

श्रम मंत्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्माण श्रमिकों के परिवारों को केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों का निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है, जिससे प्रत्येक श्रमिक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये के निःशुल्क इलाज की पात्रता होगी।

 

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