अचानक सड़क खत्म! दिल्ली में अधूरे फ्लाइओवर पर खौफनाक मौत
नईदिल्ली
पूर्वी दिल्ली में कृष्णा नगर के रहने वाले 42 जगदीप सिंह शाम को अपनी कार लेकर निकले थे। जैसे ही वह बारापुला एलिवेटेड रोड पर कुछ आगे बढ़े अचानक से उनके पांव ब्रेक की तरफ बढ़े। इससे पहले की वह कुछ समझ पाते वह 30 फीट नीचे कार समेत गिर चुके थे। पुलिस को जब घटना की जानकारी मिली तो वह घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस जब कार के पास पहुंची तब फोन की घंटी बज रही थी। जगदीप अचेत पड़े थे। पुलिस ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से महिला की आवाज आई। महिला जगदीप सिंह की पत्नी बोल रही थीं। पुलिस ने घटना की जानकारी दी। अस्पताल में डॉक्टरों ने जगदीप को मृत घोषित कर दिया।
ना तो अंडर कंस्ट्रक्शन का बोर्ड ना ही बैरिकेड
इसके बाद जगदीप को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जगदीप नोएडा की एक फर्म में काम करते थे। यह हादसा ऐसे हुआ कि जिसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। फ्लाईओवर पर चलते हुए ऐसे लगता है कि सड़क है। अचानक पुल बीच में ही खत्म हो जाता है। दरअसल यह निर्माणाधीन फ्लाईओवर था। इस पर किसी भी तरह का अंडर कंस्ट्रक्शन का ना तो बोर्ड ही लगा था ना ही कोई बैरिकेडिंग लगी थी। सड़क के इस हिस्से को बनाने का लोक निर्माण विभाग के पास है। पुलिस का भी कहना है कि साइट पर चल रहे काम के संबंध में कोई संकेत नहीं थे और बैरिकेड को भी हटा दिया गया था।
पीडब्ल्यूडी की बेतुकी सफाई?
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने जोर देकर कहा, "यह हिस्सा निर्माणाधीन है, यह किसी को भी बहुत स्पष्ट है। इसके अलावा, रैंप पर 15 एक्सटेंशन हैं जो अभी तक नहीं डाले गए हैं। इसलिए लोहे की छड़ें बाहर निकली हुई हैं। इन एक्सटेंशन और इसके बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है। रैंप पर गाड़ी चलाते रहना मुश्किल है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने बारापुला एलिवेटेड रोड के एक निर्माणाधीन सेक्शन से गिरने वाले एक कार सवार की मौत पर कहा कि पीड़ित जगनदीप सिंह ने रैंप के बिल्कुल अंत तक गाड़ी चलाई थी, जिस बिंदु पर एक गैप था।
ऐसा लगा जैसे फ्लाईओवर का हिस्सा टूटा हो
यमुना खादर निवासी 49 वर्षीय देवेंद्र ने कहा कि वह एक नर्सरी के पास बैठे थे जब उन्होंने तेज आवाज सुनी। उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया है, लेकिन फिर देखा कि एक कार नीचे गिर गई और पलट गई। देवेंद्र और कुछ अन्य लोग कार को दाहिनी ओर मोड़ने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने कहा, "यह बुरी तरह से कुचला हुआ था। ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति ने, जिसने सीट बेल्ट पहन रखी थी, कोई हलचल नहीं दिखाई। उसके सिर से खून बह रहा था। निवासियों ने कहा कि अगर कार नीचे झुग्गियों पर गिरती तो हताहतों की संख्या अधिक हो सकती थी।
पहले नहीं थी कोई बैरिकेडिंग
हादसे वाली जगह यमुना खादर के निवासियों ने आरोप लगाया कि घटना के समय फ्लाईओवर पर बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। स्थानीय निवासी 40 वर्षीय प्रवीण ने दावा किया कि मौके पर वाहनों को रोकने के लिए कोई बैरिकेड नहीं थे। दुर्घटना के बाद ही बैरियर लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि लोग हर शाम फ्लाईओवर पर शराब पीने के लिए इकट्ठा होते हैं और बोतलें अंदर फेंक देते हैं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया नेसोमवार को नोएडा लिंक रोड पर यमुना खादर में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का दौरा किया। वहां एंट्री प्वाइंट पर कंक्रीट के बैरिकेड्स लगाए।
बैरियरों पर 'दाईं ओर मुड़ना नहीं' का नोटिस लगाया गया था। हालांकि, वहां कोई दायां मोड़ नहीं था। निर्माणाधीन फ्लाईओवर के करीब, एक लूप है जो मयूर विहार को नोएडा लिंक पर फ्लाईओवर से जोड़ता है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या बैरिकेड्स न होने के कारण सिंह ने इस निर्माणाधीन खंड के साथ ड्राइव किया और उसका दुखद अंत हुआ।