सतना कलेक्टर ने सभी JSO का 25% वेतन काटा, CEO-CMO को नोटिस, SDM को चेतावनी
सतना
सतना जिले में टाइम लिमिट की मीटिंग के दौरान कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा भड़क गए। लाडली बहना से लेकर मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान तक और सीएम हेल्पलाइन से लेकर खाद्य वितरण तक हर मोड़ पर अधिकारियों की लापरवाही और बहानेबाजी दिखाई दी। गुस्साए कलेक्टर ने सभी खाद अधिकारियों का 25% वेतन काट दिया। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नोटिस एवं SDM को चेतावनी दी गई।
मई लास्ट वीक में अप्रैल का राशन बांट रहे हैं
मध्यप्रदेश के सतना जिले में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा के दौरान बार-बार निर्देशों के बाद मोबाइल सीडिग और खाद्यान्न वितरण में सुधार नहीं होने पर कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के एक सप्ताह की वेतन काटने के निर्देश जिला कोषालय अधिकारी को दिये हैं। कई विकासखण्डों की राशन दुकानों में अभी अप्रैल माह के खाद्यान्न वितरण किये जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एसडीएम और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया कि गड़बड़ी और लापरवाही करने वाली डिफाल्टर राशन दुकानों के विरूद्ध FIR दर्ज कराये।
सीडीपीओ महिला बाल विकास पर कार्रवाई की तलवार
कलेक्टर ने जनपद और नगरीय निकायवार मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में पंजीकृत हितग्राहियों को आधार लिंक और डीबीटी इनेवल्ड विहीन खातों को सक्रिय करने की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में प्राप्त आपत्ति शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की और दो दिनों के भीतर सभी शिकायतें निराकृत कर अंतिम सूची तैयार करने के निर्देश दिये। सीईओ जनपद रामनगर और अमरपाटन ने बताया कि योजना के कार्यों में महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ का सहयोग नहीं मिल रहा है। कलेक्टर ने योजना में असहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करने के निर्देश दिये।
सीईओ और सीएमओ को कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर ने कहा कि शासन की प्राथमिकता की योजनाओं में एसडीएम अपने क्षेत्र में नेतृत्व करे, उन्होंने कहा कि एसडीएम की प्रजेंस दिखनी भी चाहिए। कलेक्टर ने कमजोर प्रगति वाले जनपद के सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि आपत्तियों के निराकरण में पूरी गंभीरता बरते और नियमों के प्रतिकूल होने पर उचित कारणों के आधार पर ही कोई आवेदन निरस्त किया जाये। किसी भी पात्र हितग्राही का रिजेक्सन हुआ तो सीईओ जनपद और सीएमओ नगरीय निकाय पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।