September 25, 2024

विश्व के विषमवाद को समाप्त करने की विद्या है भगवान महावीर का अनेकांत स्यादवाद : आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी महाराज

0

रायपुर
सन्मति नगर फाफाडीह में ससंघ विराजित आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने धर्मसभा में कहा कि विश्व में शांति के लिए वैचारिक युद्धों का विराम आवश्यक है। जब तक वैचारिक युद्ध विराम नहीं होगा तब तक मिसाइलों का युद्ध समाप्त नहीं होगा। यह तभी संभव है जब भगवान महावीर का अनेकांत स्यादवाद मस्तिष्क में आएगा। यदि वैचारिक युद्ध विराम होगा तो विश्वास मानो विश्व अखंड हो जाएगा।

आचार्यश्री ने कहा कि केवल देखकर और सुनकर गुस्सा मत होना,समझने के लिए भी समय देना। सुनकर तुरंत सुनाने की इच्छा मत रखना,जो व्यक्ति सुनकर तुरंत निर्णय सुनाने लगता है वहां विषमवाद होता है। विषमवादों से बचना चाहते हो,अपना कुटुंब और देश सुरक्षित रखना चाहते हो, विश्व में शांति रखना चाहते हो तो मंचों की विश्व शांति से काम नहीं चलेगा,ह्रदय के मंच पर भी विश्व की शांति का  सूत्र होना चाहिए। दूसरों के मस्तिष्क,विचारों, बुद्धि को समझना प्रज्ञावंतों का कार्य है। जो व्यक्ति मात्र स्वयं की बुद्धि व मन को समझता है वह व्यक्ति कभी अहिंसा का पालन नहीं कर सकता। जब तक दूसरे के मन,बुद्धि,विचारों को नहीं समझोगे तब तक अहिंसा के करीब नहीं पहुंच पाओगे। व्यक्ति अपने घर में हिंसा तो छोड़ नहीं पा रहा विश्व में अहिंसा क्या देख पाएगा। जिसके पास अनेकांत की आंख नहीं है। स्यादवाद की शैली नहीं है वह व्यक्ति हिंसा से बच नहीं सकता। जो अपने घर में क्लेश करते हैं,वे अपने घर में दरिद्रता को आमंत्रित करते हैं। घर का सुहावना मौसम समाप्त कर देते हैं। घर में सुख शांति,समृद्धि चाहते हो तो वाणी में मिठास रखो, मिलजुल कर रहो और बड़ों का सम्मान करो। नियम रखो सुबह उठकर नित्य कर्म कर प्रभु का दर्शन करो,घर के बड़ों का चरण स्पर्श करो, विश्वास रखो घर में सुख शांति समृद्धि आएगी।

केवल शरीर की नहीं मन व आत्मा के सौंदर्य और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें : मुनिश्री प्रणुत सागर जी
मुनिश्री प्रणुत सागर जी ने कहा कि आज सभी सत्ता,संपत्ति,सौंदर्य और अच्छा स्वास्थ को पाने की इच्छा रखते हैं। इसके अलावा और कोई दूसरी चाह नहीं रखता है। दूसरा कुछ पाना तो दूर व्यक्ति सोचता तक नहीं है। सत्ता,संपत्ति,सौंदर्य और स्वास्थ्य एक बार चले गए तो आपके सामर्थ्य से वापस भी आ सकते हैं। यदि समय हाथ से निकल गया तो लौटकर नहीं आएगा। केवल शरीर के सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए नहीं मन और आत्मा के सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए भी समय निकालो। आज आचार्यश्री का सानिध्य मिला है,इनके पास वह सभी है जिसको पाकर आपका जीवन सुख शांति और समृद्धि से भर जाएगा। 1 माह बीत चुका है तीन माह और बाकी है। समय की गाड़ी रिवर्स नहीं आती समय की कीमत को समझो,गुरु चरणों में आनंद मंगल के साथ जियो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *