November 25, 2024

पंगा चाहता है ड्रैगन! वीडियो में देखें कैसे चीनी फाइटर जेट की वॉर ड्रिल से हिल गया अमेरिकी जहाज

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नई दिल्ली
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले ताइवान की सीमा में अपने सैन्य जहाजों को उतारकर चीन ने वॉर ड्रिल को अंजाम दिया। अब दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक अमेरिकी सैन्य विमान के पास से चीन ने युद्धाभ्यास किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि एक चीनी लड़ाकू जेट ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक अमेरिकी सैन्य विमान के पास "अनावश्यक रूप से आक्रामक" युद्धाभ्यास किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि चीन का फाइटर जेट जैसे ही पास से गुजरता है, अमेरिकी जहाज का कॉकपिट तेजी से हिलने लगता है।

अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने का नहीं ले रहा है। ताजा घटनाक्रम में चीन ने अब अमेरिका को सीधी चुनौती दे डाली है। इससे पहले भी वह अमेरिका को लगातार धमकाता रहा है। मंगलवार को एक वीडियो जारी कर यूएस इंडो पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा कि चीन के जे-16 विमान ने पिछले सप्ताह युद्धाभ्यास किया और यूएस आरसी-135 विमान के प्रति आक्रामक रवैया अपनाया। बयान में आगे कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है, सुरक्षित और जिम्मेदारी से उड़ान भरना, जहाज चलाना और संचालन करना जारी रखेगा।"

वीडियो में क्या दिख रहा
यूएस इंडो पैसिफिक कमांड द्वारा जारी किए एक वीडियो में दिख रहा है कि एक लड़ाकू जेट अमेरिकी विमान के पास से गुजर रहा है। चीन के लड़ाकू जेट की रफ्तार से अमेरिकी जहाज RC-135 के कॉकपिट में हलचल देखी जा सकती है।

उधर, वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं दी। हालांकि चीन पहले ही कह चुका है कि अमेरिका द्वारा दक्षिण चीन सागर में जहाज और विमान भेजना शांति के लिए अच्छा नहीं है। पिछले साल दिसंबर में, एक चीनी सैन्य विमान अमेरिकी वायु सेना के विमान के 10 फीट (3 मीटर) के भीतर आ गया था। जिस पर अमेरिका ने सख्त ऐतराज जताया था।

पंगा चाहता है चीन
जानकारी के अनुसार, यह घटना चीन द्वारा इस सप्ताह सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग एशियाई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के अनुरोध को अस्वीकार करने से पहले की गई थी। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि 2021 के बाद से चीन ने पेंटागन के साथ बात करने के एक दर्जन से अधिक अनुरोधों का जवाब नहीं दिया या अस्वीकार कर दिया।

 

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