November 25, 2024

2019 के जिताऊ फार्मूले पर BJP, आज से शुरू कर रही महाजनसंपर्क अभियान, समझें- क्या हैं इसके नफा-नुकसान?

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नई दिल्ली
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज से देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों में महाजनसंपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभियान एक महीने तक यानी 30 जून तक चलेगा। इसके तहत पार्टी के नेता हरेक लोकसभा क्षेत्र में 1000 मशहूर हस्तियों से मुलाकात कर संपर्क साधेंगे। बीजेपी के महासचिव विनोद तावड़े ने कहा, "हमने देश की प्रत्येक लोकसभा सीट से 1,000 लोगों की सूची तैयार की है, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान पद्म सम्मान या राष्ट्रपति पदक जैसे नागरिक सम्मान प्राप्त किए हैं। लोकसभा में 543 सीटों के साथ इसका कुल आंकड़ा 5.5 लाख लोगों का आता है।" तावड़े ने कहा कि महाजनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा के केंद्रीय मंत्री या पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी देशभर में इन हस्तियों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान पार्टी के नेता सभी हस्तियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बताएंगे।

बीजेपी महासचिव ने बताया कि इसके अलावा, पूरे हो चुके विकास परियोजनाओं जैसे राजमार्ग और रेलवे स्टेशन आदि, के पास कुछ सार्वजनिक समारोह आयोजित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने केंद्र सरकार की उन 10 प्रमुख योजनाओं के लाभार्थियों की सूची भी तैयार की है, जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिला है। तावड़े ने कहा कि पार्टी ने ऐसे लाभार्थियों के लिए सभा आयोजित करने का फैसला किया है।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले 2018 में भी इसी तरह का संपर्क अभियान शुरू किया गया था। तब उसका नाम  'समर्थन के लिए संपर्क' अभियान रखा गया था। तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अभियान के तहत 50 मशहूर हस्तियों से संपर्क साधा था।, जबकि पार्टी के चुनिंदा 50 लाख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने करीब 5 करोड़ लोगों तक इस अभियान के तहत संपर्क साधा था।

शाह ने तब सबसे पहले पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग से उनके आवास पर जाकर संपर्क किया था। इसके बाद संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से उन्होंने मुलाकात की थी। इस संपर्क अभियान का बीजेपी को खूब फायदा हुआ था। 2014 में 282 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनावों में 303 सीटें मिली थीं। अब जब दक्षिण में खासकर कर्नाटक में बीजेपी का कमल मुरझा चुका है तब ऐसे जनसंपर्क अभियान से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद लगाई जा रही है।

 

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