ठंडार गौठान में खुला रोजगार का नया द्वार, महिला समूहों ने वर्मी-कम्पोस्ट, मछली पालन और बाड़ी से कमाए 6.95 लाख
खैरागढ
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला के विकासखण्ड छुईखदान के ग्राम ठंडार गौठान से स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त हो रही हैैं। वर्मीकम्पोस्ट के उत्पादन मछली पालन और बाड़ी जैसी गतिविधियों से महिला समूहों को रोजगार का साधन और आय का जरिया मिला है।
नवगठित जिला के ग्राम ठंडार मे 03 वर्ष पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान का निर्माण हुआ है। ग्राम पंचायत की पहल पर चरणबद्ध तरीके से यहां 25 वर्मी टांके बनाने का कार्य हुआ। गौठान में कार्य करने वाले स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 25 वर्मी टांके में अब तक कुल 790.90 क्विंटल वर्मी खाद और 45.00 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है। खाद विक्रय से अब तक उन्हें 6 लाख 95 हजार 900 रूपए की रुपए की आय का अर्जन हुआ है। जैविक खाद के साथ ही महिलाएं इसे तैयार करने में उपयोगी केंचुओं का उत्पादन भी कर रही हैं। बीते छह महीनों में महिलाओं ने 15 हजार रूपए तक की आमदनी केंचुआ उत्पादन से राशि अर्जित की है।
गौठान में जय अम्बे जागृति स्व सहायता समूह द्वारा इस साल हल्दी, अदरक अन्य सब्जियों का उत्पादन किया गया है। जिससे 25 हजार रूपए तक का लाभ उन्हें प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा मछलियों और आधुनिक किस्म के मछली बीजों का उपयोग कर मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। अब तक इनके द्वारा 10 हजार रूपए की मछली का विक्रय किया जा चुका है। इसी प्रकार आटा चक्की में आटा पिसाई कर महिलाएं 5 हजार रूपए तक आय अर्जित कर चुकी हैं। राइस मिल के साथ साथ माँ आँचल स्व सहायता समूह की महिलाएं राशन दुकान चला रही हैं, जिससे वे अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। इस प्रकार शासन की महत्वाकांक्षी ग्राम सुराज योजना ग्रामीण परिवेश में निवासरत स्व सहायता समूह की महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। शासन की योजना से उन्हें आर्थिक लाभ हुआ है, जिसके लिए वे मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हैं।