September 23, 2024

नेपाल के पूर्व PM बाबूराम भट्टाराई को भारत की नई संसद से आपत्ति, ‘अखंड भारत’ के चित्र पर चेताया

0

नई दिल्ली

भारत के नए संसद भवन पर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने आपत्ति जता दी है। मंगलवार को उन्होंने भवन में 'अखंड भारत' पर बने एक भित्ति चित्र पर सवाल उठाए, जिसमें अतीत के अहम साम्राज्यों और शहरों का जिक्र किया गया है। अब भट्टाराई ने आशंका जताई है कि इससे भारत के पड़ोसी मुल्कों में राजनयिक स्तर पर विवाद हो सकता है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई इमारत का उद्घाटन किया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष भट्टाराई ने ट्विटर के जरिए चेताया है कि नेपाल समेत कई पड़ोसी देशों में इस चित्र से राजनयिक विवाद खड़े हो सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'पहले ही भरोसे की कमी के चलते खराब हो रहे भारत के कई पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को यह और खराब कर सकता है।'

भित्ति चित्र में क्या
कहा जा रहा है कि भित्ति चित्र में कपिलवस्तु और लुंबिनि को देखकर भट्टाराई की तरफ से चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने यह तक कह दिया कि भारत सरकार को इस चित्र के पीछे असली उद्देश्य और होने वाले असर को लेकर समय पर जानकारी देनी चाहिए।

भारत आ रहे हैं नेपाली पीएम
खास बात है कि भट्टाराई का बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब नेपाल के मौजूदा पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' चार दिनों के लिए भारत यात्रा पर आ रहे हैं। दिसंबर 2022 में कार्यभार संभालने के बाद दहल की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी यहां आएगा।

आधिकारिक बयान के मुताबिक दहल दोपहर को यहां पहुंचेंगे। गुरुवार को वह राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे तथा बाद में हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता करेंगे। दोपहर बाद वह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे और शाम को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। इसी दिन वह इंदौर के लिए रवाना होंगे जहां से शाम के बाद काठमांडू लौटेंगे।

बयान के अनुसार, दहल की यह यात्रा हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति को आगे बढ़ाने में भारत और नेपाल के बीच नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखती है। सहयोग के सभी क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं। यह यात्रा द्विपक्षीय साझेदारी को और गति देने में दोनों पक्षों द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित करती है। बयान में यह भी कहा गया है कि उनकी भारत यात्रा द्विपक्षीय हितों को बढ़ावा देने, संबंधों को बढ़ाने और सीमा से संबंधित और अन्य मुद्दों को हल करने पर केंद्रित होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *