November 25, 2024

बच्चों ने स्कूल की छुटि्टयों में खोद डाला कुआं, संकट के बीच बना पानी का प्रमुख स्रोत

0

अहमदाबाद
कुआं खोदना भले ही बड़े परिश्रम का काम माना जाता हो लेकिन छोटा उदेपुर के कुछ बच्चों ने स्कूल की छुटि्टयों में कुआं खोद डाला। जिले की नसवाड़ी तालुका गांव के डब्बा गांव में कुछ बच्चों को कुआं खाेदते देखकर फिर बड़े भी साथ आ गए। अब यह कुआं गांव के लोगों के लिए पानी का स्रोत बन गया है। नसवाड़ी तालुका में गर्मियों के दिनों में पानी की संकट रहता है। बच्चाें की मुहिम के बाद गांव को मिले इस जलस्रोत से हर कोई खुश है। गांव की महिलाएं पहले दूर पानी लेने जाती थीं तो लौटकर आने में उन्हें दोपहर हो जाती थी।  

गांव में है पानी का संकट
जिले की नसवाड़ी तालुका में गर्मियों के दिनों पानी का संकट बढ़ जाता है। ऐसे में जब गर्मियों में फिर से पानी की दिक्कत खड़ी तो बच्चाें ने कुएं को खोद कर इस नए अंजाम तक पहुंचा दिया। बच्चों की मेहनत की खूब तारीफ हो रही है। शुरू में बच्चों ने इस खेल-खेल में शुरू किया था लेकिन जब बच्चे अपनी जिद पर अड़े तो फिर गांव के बड़े लोगों ने इसमें सहयोग किया। ऐसे गांव में कुंए का तोहफा मिल गया। आदिवासी बहुल छोटा उदेपुर जिले में पूरी आबादी आदिवासी लोगों की है। नवसवाड़ी तालुका के डब्बा गांव में रहने वाले मीना बेन भील कहती हैं कि हमें पानी नहीं मिलता है। तमाम दूसरी जरूरतों से पहले पानी हमारी प्राथमिकता है। बच्चों ने पानी के लिए गांव में कुआं बनाया है।

बार-बार खुदाई की जरूरत
गांव के लोगों के अनुसार नसवाड़ी तालुका के सीतावाला फलिया में बोरवेल है, लेकिन उसमें पानी नहीं आता। एक और बोरवेल गांव से दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी पर स्थित है। जयंती भील कहती हैं कि हमारे लिए हर दिन ऊंची पहाड़ी इलाकों के माध्यम से कच्ची सड़कों पर 5 किमी की यात्रा करना संभव नहीं है। इसलिए कुआं खोदने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। गांव में जो कुंआ बना है। उसमें भी पानी नीचे जाता है तो हमें बार-बार खुदाई करनी पड़ती है। बच्चे इसमें सहयोग करते हैं, हालांकि पानी के संकट के बीच बच्चों की कोशिश खूब चर्चा का विषय बनी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *