मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर में घर-घर जाकर दिये “लाड़ली बहना” योजना स्वीकृति पत्र
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर प्रवास के दौरान रामनगर बस्ती में बहनों के बीच पहुँचे। यहाँ उन्होंने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की पात्र बहनों को घरों में जाकर स्वीकृति-पत्र प्रदान किये। बस्ती में उत्साह का वातावरण था। बहनों और बच्चों ने मुख्यमंत्री चौहान के स्वागत में अपने घर के आँगन रांगोली और फूलों से सजाये और तिलक कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी आत्मीयता के साथ बहनों और परिजन से चर्चा कर उनकी कुशल-क्षेम जानी।
मुख्यमंत्री ने लाड़ली लक्ष्मी को दुलारा और महिलाओं को हमेशा खुश, सुखी और समृद्ध रहने की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने बहनों से कहा कि आपका आवेदन स्वीकृत हो गया है। अब 10 जून से सभी पात्र बहनों को 1000 रूपये मिलना शुरू हो जायेंगे।
लाडली बहना योजना की लाभार्थी बहन श्रीमती चित्रा जोज़ारे ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रदेश के मुखिया इस तरह हमारे घर आकर सौग़ात देंगे। मुख्यंमत्री चौहान के हाथों से स्वीकृति-पत्र मिलने से वे बेहद खुश दिखाई दी। उन्होंने कहा कि स्वीकृति-पत्र के लिये हमें भटकना नहीं पड़ा। यह हमारा सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री चौहान ने हमें घर बैठे ही यह प्रमाण-पत्र दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने "फूलों का तारों का सबका कहना है.. एक हजारों में मेरी बहना है" गीत गाकर बहनों को शुभाशीष दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने योजना की पात्र बहन श्रीमती चंदा कसेरा, श्रीमती कुसुमलता, श्रीमती पिंकी यादव, श्रीमती शशि यादव, श्रीमती मीना सोनी, श्रीमती चित्रा ज्योजारे, श्रीमती ममता पगारे, श्रीमती अनीता पगारे, श्रीमती दीपाली बैस, श्रीमती मीनू डाबी, श्रीमती माया पाटिल, श्रीमती अंतिम बाला, श्रीमती उषा प्रजापत सहित अन्य बहनों को स्वीकृति-पत्र सौंपे।
इस मौके पर विधायक श्रीमती मालिनी गौड़, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, गौरव रणदिवे, गोलू शुक्ला, स्थानीय पार्षद सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
जब मुख्यमंत्री ने कहा – "बहन तेरा भाई अभी ज़िंदा है"
मुख्यमंत्री चौहान के राजनगर पहुँचने पर अलग ही नज़ारा दिखा। मुख्यमंत्री के स्वागत में बहन और बेटियों ने अपने घरों को ऐसा सजाया जैसे कोई सगा घर आ रहा हो। गलियों में रंगोलियां बनायी गई और हर घर में एक उत्सवी माहौल बन गया। इन्हीं घरों के बीच रहने वाली ममता पगारे के लिए यह ऐसा अवसर था जब उन्हें कोरोना के कारण असामयिक मृत्यु को प्राप्त अपने भाई की याद आ गयी। ममता पगारे के घर में मुख्यमंत्री चौहान जब पहुँचे तो उन्होंने रक्षाबंधन का वह गाना भी गाया जिस में भाई से अपनी बहन को न भुलाने की अर्ज़ की जाती है। मुख्यमंत्री चौहान ने भी बड़े भाई का फ़र्ज़ निभाते हुए बहन ममता को समझाया कि बहन चिंता मत करो, तुम्हारा भाई अभी ज़िंदा है। मुख्यमंत्री चौहान ने गिटार की धुन पर एक हज़ारों में मेरी बहना है गीत गाकर ममता को दिलासा भी दिलाया।