September 24, 2024

पुरूषों को भी अब चाइल्ड केयर लीव का लाभ मिलेगा, कैबिनेट ने दी मंजूरी

0

देहरादून
 उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। कैबिनेट बैठक के फैसले के बाद एकल महिला-पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी अब चाइल्ड केयर लीव का लाभ मिलेगा, हालांकि प्रोबेशन अवधि वाले इसके हकदार नहीं होंगे। इस संबंध में सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने आदेश जारी कर दिए है।

 आदेश के तहत, उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार द्वारा लिए गए कैबिनेट के फैसले के बाद अब महिला कर्मचारी और महिला-पुरुष एकल कर्मचारी संतान की बीमारी या परीक्षा आदि में देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल में दो साल यानी 730 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश ले सकेंगे। इस फैसले के बाद अब एकल महिला और पुरुष अभिभावक कर्मचारी भी अब बाल्य देखभाल अवकाश के हकदार हो गए हैं।

पुरूष कर्मचारियों को इस तरह मिलेगा लाभ

जारी आदेश के तहत एकल पुरुष अभिभावक में वे सभी कर्मचारी आएंगे जो अविवाहित या विधुर या तलाकशुदा हैं और जिनके एक बच्चे की जिम्मेदारी अकेले उनके कंधों पर है। एकल महिला सरकारी कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम छह बार व अन्य पात्र महिला-पुरुष कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में तीन बार अवकाश मिलेगा। 365 दिन के अवकाश का उन्हें पूरा वेतन मिलेगा। अगले 365 दिनों में उन्हें मंजूर अवकाश का 80 प्रतिशत ही वेतन दिया जाएगा।

जानें किसे मिलेगा लाभ और किसे नहीं

 कई विभागों के राजकीय व सहायता प्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के पात्र महिला पुरुष सरकारी शिक्षकों (यूजीसी, सीएसआईआर व आईसीएआर के पदों को छोड़कर) व सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं को शिक्षणेतर पात्र कर्मचारी को लाभ मिलेगा।

 परिवीक्षाकाल (प्रोबेशन) में रहने के दौरान कर्मचारी बाल्य देखभाल अवकाश के हकदार नहीं होंगे, लेकिन जिन विभागों की सेवा नियमावली में प्रोबेशन पीरियड के दौरान बाल्य देखभाल अवकाश की व्यवस्था है, वहां यह तीन महीने से अधिक नहीं दिया जा सकेगा।

विशेष परिस्थितियों में नियुक्ति प्राधिकारी गुण-दोष के आधार पर कम से कम अवधि का बाल्य देखभाल अवकाश मंजूर करने पर भी विचार कर सकते हैं।

ये रहेंगे नियम

राज्य सरकार की महिला कर्मचारी व महिला-पुरुष एकल कर्मचारी संतान की बीमारी अथवा परीक्षा आदि में देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल में दो वर्ष यानी 730 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश ले सकेंगे।

 40 प्रतशित या उससे अधिक विकलांग बच्चों के मामले में आयु सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

 यह अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह स्वीकृत किया जाएगा और इसी की तर्ज पर इसका खाता रखा जाएगा।

 मध्य पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश बाल्य देखभाल अवकाश में शामिल माने जाएंगे।

जनहित और प्रशासकीय कार्यों के लिए नियुक्ति प्राधिकारी किसी कर्मचारी को एक बार में पांच दिनों से कम व 120 दिनों से अधिक अवधि का अवकाश मंजूर नहीं करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *