November 27, 2024

सिग्नल की वजह से हुआ हादसा, 128 किमी की स्पीड में थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, हो गया बड़ा हादसा

0

नई दिल्ली
ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने रविवार को प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए कहा कि सिग्नलिंग के साथ कुछ समस्या थी और केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में दुर्घटना का शिकार हुई जिसमें 275 यात्रियों की जान चली गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट की मेंबर जया वर्मा सिन्हा ने कहा, "प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, सिग्नलिंग के साथ कुछ समस्या रही है। हम अब भी विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। ट्रेन लगभग 128 किमी/घंटा की गति से चल रही थी।"

उन्होंने जानकारी दी कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी, क्योंकि यह लौह अयस्क ले जा रही थी और कोरोमंडल एक्सप्रेस को ही अधिकतम नुकसान हुआ था। जया वर्मा सिन्हा ने कहा, "मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। बड़ी संख्या में लोगों की मौत और घायल होने का यही कारण है।" उन्होंने आगे कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरीं बोगियां यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकराईं। उन्होंने कहा, "कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउनलाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउनलाइन से 126 किमी/घंटा की रफ्तार से गुजर रही थी।"

लोको पायलट को मिल गई थी हरी झंडी
सिन्हा ने आगे कहा कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, ''रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव का काम किया और उसके बाद मरम्मत का काम किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर चार लाइनें हैं। इसकी दो मुख्य लाइनें हैं। लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी। चालक को हरी झंडी मिल गई थी। दोनों ट्रेनें पूरी गति से चल रही थीं।'' अधिकारी ने आगे कहा कि घायल या मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया गया है। जया वर्मा ने आगे कहा कि हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है। यह कॉल सेंटर नंबर नहीं है, हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें कॉल कर सकते हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि वे उनसे मिलने में सक्षम हों। हम उनकी यात्रा और अन्य खर्चों का ध्यान रखेंगे।

मरने वालों की संख्या 275 हुई
इस बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने स्पष्ट किया कि मरने वालों की संख्या 275 है न कि 288, इसकी जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई थी। जेना ने बताया, ''डीएम द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों को दो बार गिना गया है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है। 275 में से 88 शवों की पहचान की जा चुकी है।'' उन्होंने कहा, "1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।'' करीब एक हजार से ज्यादा कर्मचारी काम में लगे हैं। मंत्रालय ने कहा कि सात से अधिक पोकलेन मशीनें, दो दुर्घटना राहत ट्रेनें और 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *