बैडमिंटन सिंगल्स फाइनल में पीवी सिंधु ने जीता गोल्ड मेडल, भारत की झोली में आया 19वां गोल्ड
नई दिल्ली
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने सोमवार को फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को सीधे गेम में हराकर राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन महिला एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने दुनिया की 13वें नंबर की मिशेल को 21-15, 21-13 से हराकर 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में उनके खिलाफ हार का बदला भी चुकता कर दिया। सिंधु ने 2014 में कांस्य पदक जीता था,जबकि मिशेल स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं थी। मिशेल के खिलाफ 11 मैच में यह सिंधु की नौवीं जीत है। सिंधु का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा व्यक्तिगत पदक है। उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी रजत पदक जीता था। सिंधु मौजूदा खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारत की मिश्रित टीम का भी हिस्सा थी, जिसे फाइनल में मलेशिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
बर्मिंघम खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में चौथा पदक
फाइनल में सिंधु के बाएं पैर में पट्टी बंधी थी जिससे कुछ हद तक उनकी मूवमेंट प्रभावित हुई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी दिखा। उन्होंने कुछ मौकों पर मिशेल को आसान अंक बनाने का मौका दिया। सिंधु ने रैली में बेहतर प्रदर्शन किया और उनके ड्रॉप शॉट भी दमदार थे। मिशेल ने काफी सहज गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। भारत का बर्मिंघम खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का यह चौथा पदक है। इससे पहले मिश्रित टीम के रजत पदक के अलावा किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल जबकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपचंद की जोड़ी ने महिला युगल में कांस्य पदक जीते।
मिशेल ने पहले गेम में काफी सहज गलतियां की। उन्होंने कई शॉट बाहर मारे और नेट पर भी उलझाए। उनके क्रॉस कोर्ट और सीधे दोनों स्मैश हालांकि दमदार से जिससे सिंधु को परेशानी हुई ,क्योंकि वह तेजी से मूव नहीं कर पा रही थी। पहले गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच प्रत्येक अंक के लिए संघर्ष देखने को मिला। सिंधु ने लगातार तीन अंक के साथ 3-1 की बढ़त बनाई लेकिन मिशेल ने 3-3 पर स्कोर बराबर कर दिया। मिशेल ने 7-7 के स्कोर पर लगातार दो शॉट बाहर मारे जिससे सिंधु ने 9-7 की बढ़त बना ली।
मिशेल ने इसके बाद दो और शॉट बाहर मारे जिससे सिंधु ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बनाने में सफल रहीं। कनाडा की खिलाड़ी ने ब्रेक के बाद लगातार दो शॉट नेट पर और एक बाहर मारा जिससे सिंधु ने 14-8 की मजबूत बढ़त बना ली। सिंधु ने इस बढ़त को 16-9 किया। मिशेल ने स्कोर 15-18 किया। सिंधु ने ड्रॉप शॉट से अंक जुटाया और फिर मिशेल के नेट पर शॉट मारने पर पांच गेम प्वाइंट हासिल किए। सिंधु ने मिशेल के शरीर पर शॉट खेलकर पहला गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में भी सिंधु ने बेहतर शुरुआत की। मिशेल की गलतियां कम होने का नाम नहीं ले रही थी। वह लगातार शॉट नेट पर और बाहर मार रही थीं, जिसका फायदा उठाकर सिंधु ने 8-3 की बढ़त बना ली। मिशेल ने नेट पर शॉट उलझाया जिससे सिंधु ब्रेक तक 11-6 से आगे हो गईं।
मिशेल इसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 11-13 करने में सफल रहीं। कनाडा की खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार दो शॉट नेट पर मारकर सिंधु को 15-11 की बढ़त बनाने का मौका दे दिया। सिंधु ने बढ़त को 19-13 किया। मिशेल के शॉट बाहर मारने से सिंधु को सात चैंपियनशिप अंक मिले जिसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने तेजतर्रार क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सिंधु की इस जीत से भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 19 पहुंच गई है। भारत ने जारी कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल 56 मेडल जीत लिए हैं।
फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को हराकर महिला एकल का स्वर्ण पदक जीतने वाली पीवी सिंधु के पास अब पांच राष्ट्रमंडल खेलों के पदक हैं। उन्होंने 2014 में सिंगल्स में कांस्य, 2018 में सिंगल्स में रजत जीता था। वह 2018 में स्वर्ण पदक जीतने वाली मिश्रित टीम का हिस्सा थी और बर्मिंघम में इस संस्करण में रजत पदक जीतने वाली मिश्रित टीम में भी थीं।