AzaadiSAT की इंट्रूमेंट प्रोग्रामर छात्राओं संग आज मुख्यमंत्री चौहान ने किया पौधरोपण
भोपाल
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आजादी सेटेलाइट रॉकेट की प्रोग्रामिंग में योगदान देने वाली भोपाल की बेटियों के साथ स्मार्ट सिटी उद्यान में पौध-रोपण किया। भोपाल के भेल बरखेड़ा स्थित महारानी लक्ष्मीबाई बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 10वीं और 12वीं की छात्राओं ने श्री हरिकोटा से उड़ान भरने वाले देश के सबसे छोटे सेटेलाइट रॉकेट एसएलबी की प्रोग्रामिंग में विशेष योगदान दिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ कक्षा 12वीं की नैंसी, शाइस्ता, प्रियंका और निहारिका तथा कक्षा 10वीं की प्रिया, शिवांगी, आयुषी, सेजल, स्नेहा, प्राची, बिपाशा, पूर्वी, चंचल, अमृता और गरिमा ने बरगद, नीम और गूलर के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छात्राओं से उनके विद्यालय, अध्ययन, पढ़ाई के साथ प्रोग्रामिंग में रूचि-प्रशिक्षण और इसरो के अभियान से जुड़ने के अनुभव के संबंध में बातचीत की।
भोपाल के साधारण परिवारों की यह बेटियाँ इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में दक्ष हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में इसरो के कार्यक्रम में नीति आयोग से संबद्ध सेटेलाइट कंपनी “स्पेस किड्स” चैन्नई के साफ्टवेयर से प्रोग्रामिंग करने पर इन छात्राओं का चयन किया गया। छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया। चयनित छात्राओं ने वरिष्ठ अध्यापक श्री जितेन्द्र पाल सिंह चौहान के मार्गदर्शन में प्रोग्रामिंग की। आजादी के 75वें वर्ष में आजादी सेटेलाइट की प्रोग्रामिंग में 750 बेटियों का योगदान रहा, जिनमें भोपाल की 15 बेटियाँ सम्मिलित हुईं।
मुख्य़मंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हुई इस गतिविधि से बेटियों में विज्ञान, टेक्नोलॉजी और गणित के प्रति अभिरूचि बढ़े और इसमें वह प्रवीणता भी हासिल करें, इसके लिए यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों को बधाई, शुभकामनाएँ और आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
पौधों का महत्व
बरगद का धार्मिक औषधीय महत्व है। आयुर्वेद के अनुसार बरगद की पत्तियों, छाल आदि से कई बीमारियों का इलाज संभव है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है। इसी तरह एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। गूलर उत्तम औषधि है, जो आयुर्वेद तथा पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी भी है।