अपनी जगह किसी और को पढ़ाने भेज देते हैं टीचर, अब गांवों के हर स्कूल में लगेगा मास्साब का फोटो
भोपाल
राज्य सरकार ने तय किया है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी स्कूलों में वहां पदस्थ शिक्षकों के फोटो लगाए जाएंगे। यह फोटो सरकार इसलिए लगाएगी ताकि गांव के लोगों और वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को यह पता रहे कि जो शिक्षक पढ़ाने आ रहे हैं वह फर्जी तो नहीं हैं। यह व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग के साथ जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित सभी विद्यालयों में लागू होगी।
राज्य सरकार को पिछले सालों में यह शिकायत मिली है कि शिक्षकीय पद के अच्छे वेतनमान का लाभ मिलने के चलते ग्रामीण अंचलों में पदस्थ होने वाले शिक्षक खुद स्कूल जाकर अध्यापन कराने के बजाय आस-पास के लोगों को इसके लिए तैनात कर देते हैं और वेतन के रूप में मिलने वाली रकम का एक हिस्सा उन्हें वेतन के तौर पर देते हैं। इससे वे स्कूल जाने से बच जाते हैं और वेतन पाते रहते हैं।
दूसरी ओर जो उनके स्थान पर पढ़ाने के लिए जाते हैं, वे बेरोजगारी के चलते इस काम को करते हैं और पंचायत क्षेत्र में एक रुतबा भी बनता है। इन शिकायतों को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों के साथ जनजातीय इलाकों में हर स्कूल में शिक्षकों के फोटो लगाए जाएंगे। शिक्षकों के फोटो लगे होने से ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी उन्हें पहचान सकेंगे। साथ ही विद्यालय के स्टूडेंट भी वास्तविक टीचर के संपर्क में रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि सरकार इसको लेकर 15 अगस्त के बाद एक्टिव मोड में आएगी।