November 28, 2024

आवाज से 15 गुना तेज, 1400 km तक मार: US – इजरायल के लिए कितनी घातक है फतह मिसाइल

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दुबई
 ईरान ने दावा किया है कि उसने ध्वनि की गति से 15 गुना तेज गति से जाने में सक्षम एक हाइपरसोनिक मिसाइल का निर्माण किया है। ईरान ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है जब उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ देश के संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि ‘फतह’ नामक मिसाइल की क्षमता 1,400 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है खबर में यह भी दावा किया गया है कि मिसाइल किसी भी क्षेत्रीय मिसाइल रक्षा प्रणाली से गुजर सकती है, हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया।

राष्‍ट्रीय चैनल पर हुआ टेलीकॉस्‍ट
टीवी पर प्रसारित फुटेज में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के सामने ईरान के रेव्ल्यूशनरी गार्ड मिसाइल के मॉडल का अनावरण करते दिखाई दे रहे हैं। ईरान के पास बैलेस्टिक मिसाइलों का विशाल जखीरा है। नवंबर माह में रेव्ल्यूशनरी गार्ड के जनरल आमिर अली हाजीजादेह ने दावा किया था कि ईरान ने एक हाइपरसोनिक मिसाइल का निर्माण किया है, हालंकि उन्होंने इसके पक्ष में कोई साक्ष्य पेश नहीं किए थे।

जनरल की ओर से यह दावा उस वक्त किया गया था जब देश की नैतिकता पुलिस ने 22वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था और उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के चलते देश में विरोध प्रदर्शनों की बाढ़ सी आ गई थी और लोगों में काफी गुस्सा था। हाइपरसोनिक हथियार अपनी तेज गति के कारण मिसाइल रक्षा प्रणाली के समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी कर सकता है।

ईरान बना चुनौती
अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के विरोध के बावजूद ईरान ने कहा है कि वह अपने मिसाइल कार्यक्रम को और विकसित करेगा। उसका कहना है कि यह प्रोग्राम उसकी रक्षा के लिए है। हालांकि पश्चिमी विशेषज्ञ कहते हैं कि ईरान हमेशा अपनी मिसाइल क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के बारे में चिंताओं ने साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक साल 2015 का परमाणु समझौता रद्द करने के लिए मजबूर किया था।

इजरायल का डर बढ़ा
परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया। इस वजह से ईरान ने पहले से प्रतिबंधित परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू कर दिया। साथ ही उसने अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और इजरायल में फिर से वह डर पैदा कर दिया कि ईरान फिर से परमाणु बम बनाने की दिशा में बढ़ सकता है। जब से अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद पर जो बाइडेन आए हैं तब से उनके प्रशासन ने परमाणु समझौते पर ईरान के साथ वार्ता की कई कोशिशें की हैं। सितंबर 2022 में भी ऐसी ही एक असफल कोशिश हुई थी। हालांकि इजरायल ने हमेशा ही ईरान के परमाणु समझौते को बहाल करने का विरोध किया है।

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