September 27, 2024

PM मोदी का स्कूल देखने जाएंगे बच्चे, बनाया गया प्रेरणा केंद्र; 19वीं सदी में हुई थी शुरुआत

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वडनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडनगर स्थित जिस प्राइमरी स्कूल में शुरुआती पढ़ाई की थी, उसे हेरिटेज विद्यालय के तौर पर विकसित किया गया है। अब इस स्कूल को प्रेरणा परियोजना के तहत तैयार किया गया है, जहां देश भर के बच्चे जा सकेंगे। इस स्कूल को प्रेरणा स्थल के तौर पर विकसित कर दिया गया है। इस स्कूल का संरक्षण एएसआई द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत स्कूल को देखने और समझने के लिए देश के हर जिले से दो स्टूडेंट भेजे जाएंगे। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह अपनी तरह का अलग ही प्रोजेक्ट है। इसका मकसद युवाओं को बदलाव लाने की प्रेरणा देना है।

इस स्कूल को इस तरह तैय़ार किया गया है कि भविष्य में प्राइमरी शिक्षा का यह मॉडल बन सके। इससे देश के 740 जिलों के स्कूलोों को प्रेरणा मिल सके। इस स्कूल को खास तकनीक से भी लैस किया गया है, जहां बच्चे आधुनिक तकनीक के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। इस स्कूल की स्थापना 1888 में की गई थी और 2018 तक यह चलता था। पूरे मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह स्कूल एक बड़ा प्रयोग है। इससे अन्य स्कूलों को भी प्रेरणा मिलेगी। इस बीच वडनगर को लेकर एक डॉक्युमेंट्री भी आज रिलीज होने वाली है, जिसे प्राइम वीडियो और डिस्कवरी चैनल पर दिखाया जाएगा।

डिस्कवरी की ओर से तैयार डॉक्युमेंट्री में वडनगर का इतिहास बताया जाएगा। इसमें यह भी दिखाया जाएगा कि कैसे 2500 सालों से लगातार यह जीवंत शहर बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी का जन्म वडनगर में ही हुआ था और उन्होंने यहीं से शुरुआती पढ़ाई की थी। इसके अलावा वडनगर के रेलवे स्टेशन पर भी वह अपने पिता के साथ काम करते थे। पीएम नरेंद्र मोदी के पिता का रेलवे स्टेशन पर ही एक टी-स्टॉल था। इसे भी एक हेरिटेज रेलवे स्टेशन के तौर पर तैयार किया गया है।

एक अधिकारी ने कहा कि वडनगर एक सांस्कृतिक, व्यापारित केंद्र रहा है। इसके अलावा पश्चिम भारत में यह बौद्ध मत का अध्ययन केंद्र भी था। चीनी विद्वान शुआनजांग ने भी 7वीं सदी में वडनगर का दौरा किया था। उसने इस शहर को आनंदपुर नाम से संबोधित किया है। बता दें कि बीते कुछ सालों में पीएम नरेंद्र मोदी के स्कूल और वडनगर रेलवे स्टेशन को हेरिटेज साइट के तौर पर विकसित किया गया है। इन स्थानों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

 

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