November 29, 2024

पहलवानों और सरकार के बीच कैसे बनी बात? 15 जून है डेडलाइन, इन मांगों पर भी लगी मुहर

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नई दिल्ली

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन चला रहे पहलवानों को सरकार ने भरोसा दिया है कि सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दाखिल हो जाएगा। इस आश्वासन के बाद पहलवान तब तक विरोध प्रदर्शन स्थगित करने पर राजी हो गए। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ बुधवार को लगभग छह घंटे चली बैठक में पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने एक बार फिर बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग रखी है।

बुधवार को खेल मंत्री के बुलावे पर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान, बजरंग पूनिया और जितेंद्र किन्हा ने खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से उनके आवास पर मुलाकात की थी। बैठक के बाद खेल मंत्री ने कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छे वातावरण में सकारात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मुद्दे पर हुई है। बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें पहलवानों के आरोपों की जांच करके 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल करने की मांग शामिल है। हालांकि, बृजभूषण की गिरफ्तारी की खिलाड़ियों की मुख्य मांग पर किसी भी पक्ष की ओर से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है।

30 जून तक कराए जाएंगे WFI के चुनाव
अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में सभी फैसले आपसी सहमति से लिए गए। खिलाड़ियों ने जो सुझाव रखे उनमें भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव 30 जून तक कराए जाने की मांग शामिल है। इसके अलावा यह भी कहा है कि बृजभूषण शरण सिंह और उनसे संबंधित लोग महासंघ में चुनकर न आएं। खिलाड़ियों ने यह मांग भी की है कि महासंघ की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे। जब तक महासंघ के चुनाव नहीं होते, तब तक आईओए की तदर्थ समिति में दो कोचों के नाम प्रस्तावित किए गए हैं ताकि तकनीकी दिक्कतें नहीं आए।

बृजभूषण के परिवार का कोई नहीं लड़ेगा WFI का चुनाव
सूत्रों का कहना है कि सरकार और पहलवानों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी है कि यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह के परिवार से कोई भी भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव नहीं लडेगा। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।

अमित शाह से मिलकर रखी थी मांगें
खेल मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों की यह भी मांग थी कि महिला खिलाड़ी या बाकी खिलाड़ियों को जरूरत के अनुसार सुरक्षा मिले। जिन खिलाड़ियों या अखाड़ों या कोचों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनको वापस लिया जाए। पिछले पांच दिन के भीतर सरकार और प्रदर्शनकारी पहलवानों के बीच यह दूसरी बैठक थी। इससे पहले पहलवानों ने गृहमंत्री अमित शाह से शनिवार की रात मुलाकात करके अपनी मांगें रखी थी।

आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ
पहलवानों ने बैठक के बाद कहा कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पुलिस उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेगी। साक्षी मलिक ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि उनको बताया गया था कि पुलिस जांच 15 जून तक पूरी हो जाएगाी। तब तक हमें इंतजार करने और विरोध स्थगित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पहलवानों के खिलाफ 28 मई को दर्ज प्राथमिकी भी वापस लेगी। साक्षी और पूनिया दोनों ने कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार के अनुरोध पर ही अपना विरोध 15 जून तक स्थगित किया है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे पहलवानों में शामिल विनेश फोगाट बैठक में नहीं थीं, क्योंकि वह हरियाणा के अपने गांव बलाली में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पंचायत में हिस्सा ले रही थी।

खाप महापंचायत में बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग
हरियाणा के बलाली गांव में हुई खाप महापंचायत ने बुधवार को कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की। चरखी दादरी का बलाली पहलवान विनेश और संगीता फोगाट का पैतृक गांव है, जो महासंघ प्रमुख के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में चले आंदोलन में आगे रहीं। सर्व समाज खाप महापंचायत में कई खापों के प्रतिनिधियों के सुझावों पर विचार किया गया, जिसके बाद 21 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति ने सिंह की गिरफ्तारी, खेल संघों से राजनेताओं को बाहर करने की मांग की और सभी खापों को पहलवानों के समर्थन में संघर्ष के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।

निष्पक्ष समाधान हो : महावीर सिंह फोगाट
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच महावीर सिंह फोगाट ने केंद्र सरकार के आंदोलन कर रहे पहलवानों के साथ बातचीत का रास्ता खोलने के कदम की सराहना की। उन्होंने बुधवार को कहा, सरकार जो सोई हुई थी अगर आज वह जागी है तो यह बहुत बढ़िया है। हम भी चाहते हैं कि समाधान हो, निष्पक्ष हो। पहलवान भी यही चाहते हैं। जो भी रास्ता हो वह निकाला जाना चाहिए।

 

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