ज्ञानवापी केस में मुख्य वादी राखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, इच्छामृत्यु की मांगी इजाजत
वाराणसी
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा अर्चना करने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने वाली मुख्य वादी राखी सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। बता दें कि राखी सिंह इस मामले में मुख्य वादी हैं, उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करके मस्जिद के भीतर श्रृंगार गौरी की पूजा करने का अधिकार मांगा है।
राखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इस मामले में अन्य वादी उनका दुष्प्रचार कर रहे हैं। राखी ने इन लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है, यही वजह है कि मैं इच्छामृत्यु पर विचार कर रही हूं।
वहीं इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में पैरवी कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने राखी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं, हम पूरे समर्पण के साथ श्रृंगार गौरी का केस कोर्ट में लड़ रहे हैं।
बता दें कि गौरी सिंह समेत कई लोगों ने हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में याचिका दायर करके मस्जिद के भीतर श्रृंगार गौरी की पूजा करने का अधिकार मांगा है। याचिका में रोजाना मस्जिद के भीतर पूजा का अधिकार मांगा गया है। अगस्त 2021 में सिविल जज वाराणसी की कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है।
राखी सिंह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि श्रृंगार गौरी मामले में लक्ष्मी साहू, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक, हरिशंकर जैन, उनका बेटा विष्णु शंकर जैन और अन्य लोग मेरे खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं। साथ ही मेरे चाचा-चाची को बदनाम किया जा रहा है। इन लोगों ने अफवाह फैलाई है कि मैं यह केस वापस ले रही हूं।