November 24, 2024

उत्तराखंड: शिक्षकों पर लटकी जबरन रिटारमेंट की तलवार, 20 साल से ज्यादा सेवा वाले बीमार शिक्षक की होगी छुट्टी

0

देहरादून
उत्तराखंड में गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए शिक्षा विभााग ने काम शुरू कर दिया। 20 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को रिटायर करने के मानक के शिक्षा विभाग शिक्षकों के लिए फार्मूला तैयार कर रहा है। 20 साल की सेवा के बाद के वर्षों को आधार बनाते हुए रिटायरमेंट के लिए पात्र शिक्षकों की सूची तैयार होगी। इस योजना में देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में बीमारी के आधार पर तैनात शिक्षकों की बारी पहले आ सकती है। बीमारी के आधार पर तबादले के लिए सबसे ज्यादा आवेदन इन तीन जिलों के लिए ही होते हैं। संपर्क करने पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि रिटायरमेंट की प्रक्रिया के लिए सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए सर्वसम्मत नीति बनाई जाएगी।

जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा। मालूम हो कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग को गंभीर बीमार शिक्षकों को रिटायर करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि बीमारी की वजह से जहां शिक्षक स्वयं भी परेशान रहते हैं, वहीं शिक्षा पर भी असर पड़ता है। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग 20 साल की सेवा के बाद की सेवा अवधि को मानक बनाने पर विचार कर रहा है। 20 साल के बाद की सेवा अवधि में बढ़ते हुए क्रम में शिक्षकों को चिह्नित किया जाएगा।

शिक्षक बोले, पढ़ाने में सक्षम शिक्षक न किए जाए रिटायर
बीमार शिक्षकों के रिटायरमेंट पर शिक्षक संगठनों की राय बिलकुल साफ है। जो शिक्षक बीमारी के बावजूद पढ़ाने में सक्षम हो, उसे रिटायरमेंट के दायरे में न लिया जाए। केवल उन्हीं को रिटायर करने पर विचार किया जाए जो वास्त्व में पढ़ाने में अक्षम हो गए हों। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर सिंह पुंडीर का कहना है कि रिटायरमेंट की नीति पारदर्शी होनी चाहिए।

जो शिक्षक बीमारी की वजह से बेहद प्रभावित हों, उन्हें रिटायरमेंट देने में बुराई नहीं है। लेकिन उनके सभी वित्तीय लाभ उन्हें हर हाल में मिलने चाहिएं। राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी का कहना है कि विभाग को अपने जीवन के कई वर्ष देने वाले शिक्षक के प्रति विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है। यदि शिक्षक पढ़ाई कराने में समर्थ हो तो उसका उपचार के लिए उनके अनुकूल स्थान पर प्राथमिकता से तबादला करना चाहिए। यदि कोई शिक्षक पूरी तरह से ही अक्षम होगया तब ही उसके रिटायरमेंट पर विचार किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *