September 28, 2024

तनाव के बाद उत्तरकाशी से मुसलमानों का पलायन, BJP नेता को भी शहर से भागना पड़ा

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उत्तरकाशी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सांप्रदायिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। पुरोला में नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण की कोशिश के आरोप में एक मुस्लिम समेत दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद माहौल काफी बिगड़ गया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि पिछले तीन दिनों में कई मुस्लिम अपनी दुकानों को खाली करके पलायन कर चुके हैं। शहर छोड़ने वालों में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं।

बीजेपी नेता मोहम्मद जाहिद यहां करीब 25 सालों से रहते थे। उन्होंने अपने कपड़े की दुकान खाली कर दी और परिवार के साथ बुधवार रात पुरोला से निकल गए। इसी कारोबार से जुड़े एक और दुकानदार तीन दिन पहले चले गए। इन दो के अलावा भी बहुत से लोगों ने 29 मई के बाद कथित तौर पर पलायन किया है। जाहिद तीन साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे और बेहद सक्रिय रहे हैं। 3 फरवरी 2023 को उन्हें उत्तरकाशी का जिला अध्यक्ष बनाया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक जाहिद के जानकार एक दुकानदार ने कहा, 'जिला अध्यक्ष बनाए जाने से पहले वह कई पदों पर रहे हैं। दुर्भाग्य से पार्टी भी जाहिद की मदद नहीं कर सकी और उन्हें आधी रात को यहां से जाना पड़ा। यदि सत्ताधारी दल के किसी व्यक्ति के साथ ऐसा होता है तो हम जैसे आम आदमी का क्या होगा?' उन्होंने कहा कि कम से कम दो और मुस्लिम दुकानदार बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा में हैं।

घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष इंतजार हुसैन ने कहा, 'उत्तरकाशी के जिला अध्यक्ष ने मुझे एक सप्ताह पहले फोन किया था। मैंने उन्हें पार्टी वर्किंग कमिटी की बैठक में आकर वरिष्ठों के साथ चर्चा करने को कहा था। लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से वह नहीं आ पाए।' उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड में भाईचारा कायम रखने को प्रतिबद्ध है।

पिछले महीने से ही मुसलमानों की करीब 30 दुकानें बंद हैं। मुस्लिम दुकानदारों को 'जगह छोड़ने या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने'की धमकी के बाद ऐसा हुआ है। दुकानों पर कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठनों ने धमकी भरे पोस्टर लगाए थे। स्थानीय प्रशासन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर सभी पक्षों को बिठाकर बात कराई। मीटिंग में मौजूद बरकोट के सर्किल ऑफिसर सुरेंद्र भंडारी ने कहा, 'हम शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया है, इसलिए वह अपनी दुकानें खोल सकते हैं।'

 

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