पाक मौलाना ने कहा – 130 फीट लंबी होती हैं जन्नत की हूरें, तेज ऐसा की सूरज भी फीका पड़ जाये
इस्लामाबाद
कुछ दिनों पहले एक मौलाना ने जिहादियों को जन्नत में 72 हूरें मिलने का दावा किया था। इसी तरह के एक और मौलाना का वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है जो पिछले साल शेयर किया गया था। वीडियो में पाकिस्तान के एक मौलाना का कहना है कि जन्नत की हूरें एक नहर से पैदा होती हैं और उनकी लंबाई 130 फीट होती है। ये मौलाना पाकिस्तान के तारिक जमील है जिनके वीडियो पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया। एक यूजर ने लिखा कि मौलाना के पास बेबुनियाद किस्सों और कहानियों की पूरी फैक्ट्री है।
मौलाना तारिक जमील ने कहा, 'जन्नत में एक नहर है जो मोतियों से ढकी हुई है। उसके अंदर मुश्क, जाफरान बहता है। जब अल्लाह जन्नत की किसी लड़की को बनाता है तो उस पर अपना नूर डालता है और पूरी 130 फीट की लड़की निकलकर बाहर आ जाती है। जन्नत की हूर मां के पेट से पैदा नहीं होती है।' मौलाना ने कहा कि जन्नत की हूर अगर सूरज को उंगली दिखा दे तो सूरज नजर नहीं आएगा क्योंकि जन्नत की हूर 130 फीट की होती हैं। 'तुम पांच फिट के चले गए तो जन्नत की हूर तुम्हें जेब में डाल लेगी।'
जन्नत जाकर 130 फीट का हो जाता है इंसान?
मौलाना ने आगे कहा, 'लिहाजा अल्लाह हमें भी 130 फीट का बना देगा। अल्लाह ने आदम और हव्वा को 130 फीट का बनाया था।' तारिक जमील ने कहा, 'अल्लाह के हुक्म पर हूरें जन्नत में गीत सुनाती हैं। वे बेहद खूबसूरत होती हैं और उनके बाल 130 फीट लंबे होते हैं। जब हूरें अपनी जुल्फें लहराती हैं तो रंग-बिरंगी लाइटें जलने लगती हैं और पूरी जन्नत रौशनी से भर जाती है।' वीडियो पर यूजर्स ने कमेंट कर मौलाना को 'झूठ की फैक्ट्री' बताया।
जब पत्रकार ने पूछ दिया हूरों पर सवाल
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान की एक पत्रकार आरजू काजमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से शेयर हो रहा था। महिला पत्रकार ने एक भारतीय मौलाना से जन्नत की हूरों पर एक सवाल पूछा जिस पर जवाब देकर मौलाना सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए। मौलाना ने कहा कि जिहाद करते हुए मरने वाले युवकों को जन्नत में 72 हूरें मिलती हैं। पत्रकार ने पूछा, 'इस्लाम का पालन करने वाली महिलाओं को जन्नत में क्या मिलता है?' मौलाना ने जवाब दिया, 'इस्लाम के हर नियम को मानने वाली महिला को जन्नत में हूरों का सरदार बनाया जाता है।' आरजू ने जब पूछा कि महिलाओं के लिए पुरुषों जैसा कोई नियम क्यों नहीं है तो मौलाना के पास इसका कोई जवाब नहीं था।