September 24, 2024

हत्यारे नाथूराम को भारत का सपूत बताकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रपिता का अपमान किया : मरकाम

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रायपुर

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का सपूत बताने को कांग्रेस शर्मनाक बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राष्ट्रपिता के हत्यारे को भारत का सपूत बोलना सिर्फ राष्ट्रपिता का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का अपमान है। यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी कई बार भाजपा नेता महात्मा गांधी का अपमान कर चुके हैं।

मरकाम ने कहा कि महात्मा गांधी के अपमान पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे शर्मनाक बात यह है कि जो प्रधानमंत्री देश और विदेश में गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रवचन देते हैं, वो भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे गांधी के अपमान पर खामोश रहते हैं। वह विदेशों में जाकर बापू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं, लेकिन जब देश में उनके ही सांसद, पूर्व मंत्री और नेता गांधी जी का अपमान करते हैं तब वह चुप रहते हैं। वर्ष 2019 में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह गोडसे को देशभक्त कहा था। जब प्रधानमंत्री से इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि  मैं कभी दिल से उन्हें माफ नहीं करूंगा। मगर आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं भाजपा में नंबर दो का स्थान रखने वाले अमित शाह ने 2017 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी जी को झ्चतुर बनियाझ् कहा था। सोचिए, राष्ट्रपिता गांधी जी ने आजादी की लड़ाई के दौरान सभी धर्मों और जातियों को एक करने का काम किया उसके लिए जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल से बड़ा अपमान क्या हो सकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हैं, मगर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक न्यूज चैनल के डिबेट में पीएम मोदी को देश का बाप बताया था। असम से भाजपा सांसद कामाख्या प्रसाद ने वर्ष 2017 में खुले मंच से गांधी की तुलना कचरे से की थी। उन्होंने कहा था कि दीन दयाल उपाध्याय की विचारधारा के बारे में जाने बिना लोगों के दिमाग में गांधी और नेहरू जैसा कचरा भर दिया गया है। इतना ही नहीं आज से क?ीब तीन साल पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने गांधी जी के नेतृत्व में चले स्वतंत्रता आंदोलन को ड्रामा बताया था। उनका यह बयान न सिर्फ गांधी जी का बल्कि पूरे स्वतंत्रता आंदोलन और सभी आंदोलनकारियों का अपमान है।

उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मांग करते हैं यदि उनके दिल में गांधी जी के लिए सही मायने में कोई स्थान है तो इस बार निर्णायक फैसला लें। गिरिराज सिंह के मंत्री मंडल से बाहर करें और यदि ऐसा नहीं करते हैं तो गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाना और उनको लेकर प्रवचन देना बंद करें। ये नाटक नहीं चलेगा कि आप वैश्विक मंचों पर अपनी छवि चमकाने के लिए गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएं और देश में अपने नेताओं से उन्हें गाली दिलवाएं।

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