November 28, 2024

डीवीसी 2030 तक बिजली उत्पादन दोगुना करेगी: राम नरेश सिंह

0

बोकारो
 दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के चेयरमैन राम नरेश सिंह ने कहा कि कंपनी अगले सात साल में अपना वार्षिक बिजली उत्पादन दोगुना करेगी।

सिंह ने कहा कि 2030 तक 15,000 मेगावाट वार्षिक बिजली उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 7,000 मेगावाट की वर्तमान क्षमता में 8,000 मेगावाट क्षमता और जोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि कंपनी नए बिजली संयंत्रों की स्थापना के लिए करीब 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

सिंह ने  यहां संवाददाताओं से कहा कहा, ”केंद्र ने डीवीसी को 8,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले नए बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन ताप विद्युत संयंत्र और दो सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि ताप विद्युत संयंत्र रघुनाथपुर (1,320 मेगावाट), कोडरमा (1,600 मेगावाट) और दुर्गापुर (800 मेगावाट) में स्थापित किए जाएंगे।

सिंह ने कहा, ”हम 2,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले दो सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, हमारे पास लगभग 2,500 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए दो पंप स्टोरेज संयंत्र भी होंगे।” उन्होंने कहा कि निगम इस समय दिल्ली, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और गुजरात के साथ ही पड़ोसी बांग्लादेश को भी बिजली की आपूर्ति कर रहा है।

वृद्धि को बनाए रखने के लिए बहुआयामी नीतिगत प्रतिक्रिया की जरूरत: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

मुंबई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने उत्पादकता और वृद्धि को बनाए रखने के लिए बहुआयामी नीतिगत प्रतिक्रिया की वकालत की है।

उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब कई कारक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं, इस तरह की कार्रवाई जरूरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि नीतिगत प्रतिक्रिया को तकनीकी पूंजी, शोध एवं विकास में दीर्घकालिक निवेश, कौशल विकास और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से समर्थन मिलना चाहिए।

पात्रा ने लोनावाला में  छठे एशिया केएलईएमएस सम्मेलन में कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) को उत्पादकता वृद्धि के लिए सेवा क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन उपायों में निजी क्षेत्र को शामिल करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि खासतौर से महिलाओं और पुराने श्रमिकों के बीच श्रम बल की भागीदारी दर बढ़ाने से भी उत्पादकता को बढ़ावा मिल सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *