IAS टीना डाबी बनकर अफसर से मांगा गिफ्ट, यूं खुल गई पोल?
जैसलमेर
राजस्थान की सीमावर्ती बाड़मेर जिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर ठगी के प्रयास के मामले के बाद, देश की चर्चित आईएएस और वर्तमान में जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी के नाम से ठगी के प्रयास का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने अपने वॉट्सऐप पर जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी का फोटो लगाकर जैसलमेर की ही एक अधिकारी से ठगी का प्रयास किया। हालांकि आरोपी ऐसा करने में सफल नहीं हो पाया।
यूआईटी सचिव सिंह ठगी का प्रयास
बताया गया कि आरोपी ने व्हॉट्सऐप डीपी में जिला कलेक्टर टीना डाबी का फोटो लगाकर जैसलमेर में ही यूआईटी के सचिव सुनीता चौधरी से ठगी की कोशिश की गई। यूआईटी सचिव सुनीता चौधरी ने बताया कि उनके व्हॉट्सएप पर अंग्रेजी में लिखा हुआ एक मैसेज आया जिसमें डीपी पर कलेक्टर मैडम का फोटो था, लेकिन नंबर कोई और था। चौधरी ने बताया कि पहले तो उन्हें लगा कि कलेक्टर मैडम कोई काम है तभी उन्होंने मैसेज किया है। उन्होंने बताया कि मैसेज में अमेजॉन गिफ्ट कार्ड के जरिए पेमेंट की मांग की गई थी, जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर मैडम को फोन किया, तब मामले की सच्चाई सामने आई।
कलेक्टर ने तुरंत एसपी को दी जानकारी
बताया गया कि कभी देश विदेश की जानकारी जैसे ही जिला कलेक्टर टीना डाबी को मिली उन्होंने तुरंत जिला पुलिस अधीक्षक की जानकारी दी जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने साइबर टीम की मदद से मामले की जांच शुरू की।
डूंगरपुर से पकड़ा गया आरोपी
बताया गया कि मामले की जांच के दौरान जैसलमेर पुलिस की साइबर सेल को व्हाट्सएप नंबर डूंगरपुर से संचालित होने की जानकारी मिली। जिसके बाद जैसलमेर पुलिस ने तुरंत ही डूंगरपुर पुलिस को इसकी जानकारी दी। जैसलमेर पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर डूंगरपुर पुलिस ने इस मामले में एक युवक को दस्तयाब किया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस उस युवक से पूछताछ कर रही थी।
बाड़मेर में मुख्यमंत्री के नाम पर ठगी की कोशिश
गौरतलब है कि बीते दिनों बाड़मेर में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर इसी तरह की ठगी का मामला सामने आया था। आरोपी ने अपने फोन नंबर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोटो लगाकर बाड़मेर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश से तीन की मांग की थी। हालांकि अधिकारी की सावधानी के चलते आरोपी ठगी की कोशिश में सफल नहीं हो पाया। इस मामले में अधिकारी ने पुलिस को भी सूचना दी थी लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।