October 1, 2024

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में बृजभूषण के लिए छिपी है बड़ी खुशखबरी

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नईदिल्ली .

दिल्ली पुलिस ने आज बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 1000 पन्नों की चार्जशीट दो अलग-अलग अदालतों में दाखिल की है। इस बीच, पॉक्सो मामले में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में कोई पुख्ता सबूत नहीं है। पुलिस ने बृजभूषण पर पॉक्सो केस वापस लेने की अर्जी भी लगाई है। सरकारी वकील ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में फाइल की गई है। पॉक्सो मामले में 4 जुलाई को सुनवाई होगी।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने 550 पेज की कैंसिलेशन चार्जशीट भी दाखिल किया है। दिल्ली पुलिस ने बीजेपी सांसद के खिलाफ 7 पहलवानों के लगाए यौन उत्पीड़न मामले में दो अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। एक चार्जशीट 6 अन्य महिला पहलवानों के आरोप पर रॉउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है जबकि नाबालिग महिला पहलवानों की शिकायत को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। नाबालिक पहलवान केस में बृजभूषण को क्लीनचिट दी है।

गौरतलब है कि 21 अप्रैल को 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और दिल्ली पुलिस ने इसस मामले में दो केस दर्ज किए थे। पहला केस 6 बालिग पहलवानों की शिकायत पर था जबकि एक मामला एक नाबालिग महिला पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

इस मामले में अब अदालत 4 जुलाई को सुनवाई करेगी। दिल्ली पुलिस की अर्जी में पॉक्सो एक्ट हटाने की अपील की गई है और इससे संबंधित केस को खारिज करने की मांग की गई है। हालांकि, अभी इसपर अदालत का कोई फैसला नहीं आया है। नाबालिग महिला पहलवान ने 21 अप्रैल को अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत के बाद 28 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी। अब यह कहा जा सकता है कि नाबालिग केस में एक तरह से बृजभूषण को दिल्ली पुलिस की तरफ से क्लीन चिट भी मिल गई है।

इस मामले से संबंधित एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि पुलिस की तरफ से 552 पन्नों की कैंसिलेशन रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़िता के द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के बाद यह कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की गई है। इस कैंसिलेशन रिपोर्ट में पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की कॉपी भी लगाई गई है। इसके अलावा एफआईआर की कॉपी और सीरआपीसी की धारा 161 और 164 के तहत गवाहों के दर्ज बयान तथा केस में जांच की पूरी रिपोर्ट भी दी गई है।

पुलिस की तरफ से अदालत से अपील की गई है कि वो इस केस को खारिज करें। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि जांच-पड़ताल में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इस केस में किसी तरह का कोई ठोस सबूत या डिजिटल सबूत नहीं मिला है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि अब इस मामले में अदालत ही अंतिम फैसले करेगी। कुछ केसों में अदालत ने कैंसिलेशन रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है।

 

दिल्ली पुलिस की तऱफ से इस पूरे मामले में दो केस दर्ज किये गये थे। पहला मामला 6 बालिग पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मामला एक नाबालिग महिला पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया था। नाबालिग महिला पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल लिया। दरअसल पहले नाबालिग ने बृजभूषण शऱण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आऱोप लगाया था और फिर बाद में बयान बदलते हुए उनपर भेदभाव का आरोप लगाया। महिला पहलवान द्वारा बयान बदले जाने के बाद अब पुलिस ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े केस को रद्द करने के लिए एक अर्जी दिल्ली की अदालत में लगाई है।

इधर दिल्ली की ही राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 1000 पन्नों की चार्जशीट भी दायर की है। बृजभूषण पर 6 बालिग पहलवानों द्वारा लगाए गए आऱोपों को लेकर यह चार्जशीट दायर की गई है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, और 354 डी और 345 ए के तहत चार्जशीट दायर हुआ है। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार कर चुके हैं और कह चुके हैं कि अगर उनपर एक भी आरोप साबित हो गया तो वो फांसी पर लटकने के लिए तैयार हैं।

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