मोदी सरकार में मनरेगा से गांव हो रहे हैं सशक्त और आत्मनिर्भर: गिरिराज सिंह
बेगूसराय
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर चलते हुए देश का समग्र विकास कर रही है।
गांव सशक्त और ग्रामीण आत्मनिर्भर हो रहे हैं, प्लांटेशन से हरियाली छा रही है। मोदी सरकार के बेमिसाल नौ साल में मनरेगा से ना सिर्फ आधारभूत संरचना में आश्चर्यजनक बदलाव हुआ बल्कि, पर्यावरण संरक्षण के लिए भी शानदार कार्य किए गए। जल, जीवन, हरियाली पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत जहां कोविड महामारी में गरीबों को रोजगार का सहारा मिला। वहीं, अर्थव्यवस्था की वृद्धि में महामारी पूर्व की तुलना में रोजगार कई गुणा अधिक मिला। मनरेगा के माध्यम से स्थाई निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। यूपीए की सरकार ने मनरेगा में बिहार को 9649 करोड़ रुपये दिए थे, मोदी सरकार ने 31637 करोड़ रुपये दिए।
गिरिराज सिंह ने कहा कि गरीबों की भलाई की सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से देश में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। कांग्रेस सरकार ने 2006 से 2014 तक 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित कर 213220 करोड केंद्रीय निधि रिलीज की। 153 लाख कार्य पूर्ण किए गए, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत थी। जनवरी 2014 में आधार सीडिंग मात्र 76 लाख सक्रिय कामगार का था। डीबीटी का प्रावधान नहीं रहने के कारण बिचौलिए मालामाल रहते थे।
लेकिन, नरेन्द्र मोदी की सरकार बनते ही सुधार हो गया। आज मनरेगा का 99 प्रतिशत राशि डीबीटी के माध्यम से रिलीज किया जाता है। जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग गई है। मोदी सरकार में 2497 करोड़ श्रम दिवस सृजित कर 623125 करोड़ रुपये केंद्रीय निधि रिलीज की गई। 646 लाख कार्य पूरे किए जा चुके हैं, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है। 13.71 करोड़ (96.23 प्रतिशत) सक्रिय कामगारों का आधार सीडिंग कर दिया गया है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में मनरेगा की स्थिति की बात करें तो 2006 से 2014 तक की कांग्रेस सरकार ने 76 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए थे। 9649 करोड़ केंद्रीय निधि रिलीज कर 5.39 लाख कार्य पूरे किए गए, महिलाओं की भागीदारी मात्र 29 प्रतिशत थी। जबकि, 2014 से नरेन्द्र मोदी लगातार बिहार के विकास में जुटे हुए हैं। 121 करोड़ श्रम दिवस सृजित किए गए, 31637 करोड़ केंद्रीय निधि देकर 45.54 लाख कार्य पूरे किए गए। महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई है।