October 1, 2024

राजधानी के 250 हॉस्पिटल में मरीजों की जान खतरे में, फायर सेफ्टी सिस्टम दुरुस्त नहीं

0

भोपाल

राजधानी में सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद ऐसे सरकारी और प्रायवेट संस्थानों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं, जहां आग बुझाने के पर्याप्त उपकरण और स्टॉफ नहीं है। अभी कुछ माह पहले नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर सरकारी और प्रायवेट अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इसमें हमीदिया, जेपी समेत 250 अस्पतालों को लिस्टेड किया था। इनमें फायर सेफ्टी सिस्टम दुरुस्त नहीं मिले थे और कई अस्पतालों के पास फायर एनओसी भी नहीं थी।

यहां आग से निपटने पर्याप्त इंतजाम नहीं
आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की वजह से मरीजों समेत स्टाफ की भी जान भी असुरक्षित है। इन अस्पतालों को चिन्हित कर नोटिस भेजा गया था। इन सभी अस्पतालों को फायर सेफ्टी सिस्टम की खामियों को दूर करने के लिए एक साल का वक्त दिया गया है. यदि एक साल के भीतर सिस्टम को ठीक नहीं किया जाता है, तो इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इन अस्पतालों में हो चुकी है आगजनी की घटनाएं
 

भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में आग लगने से बच्चों की मौतें हु
राजधानी भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल कैंपस स्थित कमला नेहरू बिल्डिंग में नवंबर 2022 को आग लग गई थी। इससे कई नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। जिस बिल्डिंग में घटना हुई, वहां आग बुझाने के माकूल इंतजाम नहीं थे। इस कारण नवजात बच्चों को बचाया नहीं जा सका था।
 

जबलपुर के तीन मंजिला अस्पताल में आग से 8 लोगों की हुई थी मौत
मध्य प्रदेश के जबलपुर में 1 अगस्त को तीन मंजिला न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के एंट्रेंस पर जनरेटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी।

पिछले चार माह से नहीं हुई चेकिंग
6 महीने के भीतर हर अस्पताल में चेकिंग की जाती है। अगस्त 2022 में चेकिंग हुई थी, पिछले चार माह से फिर कोई चेकिंग नहीं हुई है। 50 से ज्यादा बिस्तर वाले अस्पतालों को नगर निगम फायर सेफ्टी का सर्टिफिकेट देता है, सर्टिफिकेट रिन्यू ना कराने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाती है।

शहर के सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम का निरीक्षण कर 250 अस्पतालों को नोटिस दिया गया था। ज्यादातर अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम अपडेट नहीं थे या बदले नहीं गए थे। अस्पताल के स्टाफ को भी फायर सेफ्टी सिस्टम चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई।
साजिद खान, फायर बिग्रेड अधिकारी, नगर निगम

शहर के सभी अस्पतालों में फायर उपकरण हैं। यह जांच का जिम्मा नगर निगम के पास है, नगर निगम जांच सर्टिफिकेट जारी करता है। तभी स्वास्थ्य विभाग अस्पताल संचालित करने की इजाजत देता है।
डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *