September 29, 2024

कार्यशैली पर कोर्ट ने उठाए सवाल – ‘पुलिस दुपहिया वाहन की चाभी नहीं निकाल सकती’

0

मुंबई
मुंबई सत्र न्यायालय ने ट्रैफिक पुलिस को झटका देते हुए उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस को नियमों का उल्लंघन करनेवाले दुपहिया वाहन चालकों की गाड़ी से चाभी निकालने का अधिकार नहीं है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने के बाद पुलिस दंड वसूली के लिए दुपहिया वाहन चालक से पुलिस स्टेशन चलने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकती है। कोर्ट ने यह बात ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के मामले में एक आरोपी को बरी करते हुए अपने आदेश में कही है। दरअसल ट्रैफिक पुलिस ने एक युवक को सरकारी अधिकारी के काम में अवरोध पैदा करने व नियमों के उल्लंघन के आरोप में सागर पाठक को पकड़ा था। 25 मार्च 2017 को इस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 332 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी कुलाबा इलाके में बिना हेल्मेट के मोटर साइकिल चला रहा था। नियम का उल्लंघन कर गाड़ी चला रहे आरोपी ने जब ट्रैफिक पुलिस को अपनी ओर आते देखा तो वह हेल्मेट पहनने लगा। इसे देखते हुए ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने जब आरोपी से दंड भरने को कहा तो वह बदसलूकी करने लगा। यही नहीं आरोपी ने पुलिसकर्मी की ड्युटी में अवरोध पैदा करने की भी कोशिश की। हालांकि आरोपी ने खुद पर लगाए गए आरोपों का कोर्ट में खंडन किया।

आरोपी को पुलिस स्टेशन ले जाने की जरूरत नहीं थी
अतिरिक्त न्यायाधीश एनपी मेहता के सामने मामले से जुड़े मुकदमे की सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने पुलिसवाले को अपना लाइसेंस दे दिया था। ऐसे में आरोपी को पुलिस स्टेशन ले जाने की जरूरत नहीं थी। हमारे सामने ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है, जो दर्शाए कि आरोपी ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर हमला किया था। इसलिए आरोपी को सबूत के अभाव में बरी किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *