5 लाख करोड़ के अधिक का बाजार है ‘योग’ का, कमाई कौन कर रहा कौन ?
नईदिल्ली
पूरी दुनिया इस समय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपना रही है। जीवन में योग के इसी महत्व को दर्शाने के लिए हर पूरा विश्व हर साल इंटरनेशनल योगा डे (International Yoga Day 2023) मनाता है। कल यानी 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे (International Yoga Day 2023) मनाया जाएगा। योग अब धीरे-धीरे एक बड़ा बाजार भी बन चुका है। एलाइड मार्केट रिसर्च की साल 2020 में आई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 तक पूरी दुनिया में योग का कारोबार 3 लाख करोड़ रुपये का हो चुका था। रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया था कि साल 2027 तक बाजार 75% बढ़कर 5 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा। योग का बाजार लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अरबों रुपये का कारोबार
योग करने के लिए पूरी दुनिया में योगा मैट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इसी के चलते योगा मैट का कारोबार भी बढ़ता जा रहा है। यूके, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में योग मैट का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में भी लोग जमकर योग मैट खरीदते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, योग मैट सबसे ज्यादा जर्मनी, यूएसए और चीन में बनते हैं। इन मैट को स्टिकी मैट न कहकर योग मैट का नाम मिल चुका है। अब नाइकी और रीबॉक जैसी बड़ी कंपनियां भी योग मैट को बेच रही हैं। योग मैट की इंडस्ट्री बिलियन डॉलर की हो चुकी है। भारत में योग मैट का अभी निर्माण नहीं हो रहा है। यहां पर ज्यादातर योग मैट चीन से ही मंगाई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चीन से योग मैट आयात किए गए थे। जिसके लिए भारत ने 92 लाख रुपये खर्च किए थे।
साल 2015 से हुई शुरुआत
इंटरनेशनल योगा डे को वर्ल्ड योगा डे भी कहा जाता है। पहली बार यह 21 जून 2015 को मनाया गया था। इसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से संबंधित एक प्रभावशाली भाषण के साथ रखी गई थी। इसी के बाद इसे 21 पर जून इसे इंटरनेशनल योगा डे घोषित किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाने के प्रस्ताव को 193 सदस्यों ने 11 दिसंबर 2014 को मंजूरी दी थी।