सतपुड़ा में लगी आग के बाद जागे अफसर, विद्युत उपकरणों के लोड की कराई जाएगी जांच
भोपाल
सतपुड़ा भवन में दस दिन पहले लगी आग से हुए 24 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान और करोड़ों के खरीदी टेंडर व कर्मचारियों की सेवा शर्तों की फाइलों समेत महत्वपूर्ण दस्तावेज खाक होने के बाद अब लोक निर्माण विभाग के अफसर नींद से जागे हैं। विभाग के द्वारा अब सतपुड़ा और विन्ध्याचल भवन में संचालित दफ्तरों में लगे एसी, कूलर और अन्य विद्युत उपकरणों के लोड की जांच कराई जाएगी और ओवरलोड होने की स्थिति में कार्यवाही की जाएगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि 12 जून को राजधानी के सतपुड़ा भवन में हुए भीषण अग्निकांड की जांच करने वाली कमेटी ने पाया है कि सतपुड़ा भवन व विन्ध्याचल भवन में संचालित विभागों द्वारा तय संख्या से अधिक संख्या में एसी, कूलर व अन्य विद्युत उपकरण लगाकर रखे गए हैं। इस कारण भवनों में अनियंत्रित लोड की स्थिति बन गई है। सतपुड़ा भवन में लगी आग इसी का परिणाम हो सकती है। इसलिए इन भवनों में संचालित सभी दफ्तरों में लगाए गए विद्युत उपकरणों एसी, कूलर, फ्रिज और अन्य विद्युत उपकरणों के कारण बढ़े हुए विद्युत लोड की जांच करने के लिए दलों का गठन किया जा रहा है। दोनों ही भवनों के दफ्तरों की जांच के लिए दो-दो दलों का गठन किया गया है।
कार्यपालन यंत्री स्तर के अफसरों की टीम
भवनों में लगने वाले विभागों में विद्युत लोड की जांच के लिए गठित कमेटी में कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी स्तर के अफसरों की चार टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी विद्युत उपसंभाग, सहायक यंत्री विद्युत सुरक्षा, सहायक यंत्री विद्युत यांत्रिकी, उपयंत्री स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया है। यह अधिकारी जल्द ही इसकी रिपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को देंगे। गौरतलब है कि प्रदेश भर में सिर्फ सतपुड़ा और विन्ध्याचल ही नहीं बल्कि अनेक ऐसे सरकारी दफ्तरों वाले भवन हैं जहां विद्युत लोड की जांच कभी की नहीं गई और वहां भी ओवरलोड के कारण शार्ट सर्किट और फाल्ट की बदौलत आग लगने का खतरा बना हुआ है।