वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य और बलिदान की स्मृति में गौरव यात्राओं का हुआ उत्साहपूर्वक शुभारंभ
भोपाल
गौरव यात्रा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बालाघाट से वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता एवं बलिदान गाथा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए गौरव यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने धर्म और स्वराज के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। भारत के शौर्य और स्वाभिमान की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती की 'गौरव यात्रा' 5 स्थानों से निकाली जा रही है, जो 26 जून को शहडोल पहुँचेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को शहडोल में गौरव यात्रा का समापन करेंगे। बालाघाट से गौरव यात्रा को लेकर केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते रवाना हुए।
वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने रानी दुर्गावती की मूर्ति के समक्ष पुष्प एवं माला अर्पित कर दमोह जिले के सिंगरामपुर में गौरव यात्रा का शुभारंभ किया। मंत्री शाह ने कहा कि रानी दुर्गावती कुशल शासक एवं साहसी योद्धा थीं। उन्होंने देश भक्ति, समाज की उन्नति, शिक्षा और विकास का एक मॉड्यूल तैयार किया। गौरव यात्रा सिंगरामपुर से कोडाकला, पोड़ी, सगोड़ी, भजिया, सलैया, सिंगपुर और कुसमी मानगढ़ होते हुए कटाव घाट के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर मंत्री शाह ने महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की।
बैतूल सांसद एवं यात्रा प्रभारी दुर्गादास उईके ने छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से रानी दुर्गावती चौक से गौरव यात्रा का शुभारंभ किया। यह यात्रा रामगढ़ी, घाट परासिया, उमरिया ईसरा, झिलमिली, मरकाहांडी, नवेगांव, चौरई नगर, डुंगरिया, खैरीखुर्द और समसवाड़ा होते हुए सिवनी जिले के लिए रवाना हुई।
सभी स्थानों पर गौरव यात्रा का लोगों ने बड़े उत्साह से ढोल-बाजे, लोक नृत्य, पुष्प-वर्षा आदि से आत्मीय स्वागत किया। गौरव यात्रा के माध्यम से 26 जून तक भारत के शौर्य एवं स्वाभिमान की प्रतीक और प्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती की शौर्य गाथाओं को जन-जन तक पहुँचाया जायेगा। गौरव यात्रा में सभी जगह बड़ी संख्या में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।