PM मोदी के US दौरे से मिली भारत को मिली ये 8 खुशखबरी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान कई बड़े समझौते किए गए हैं. व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में गुरुवार को हुई पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बैठक हुई और एक के बाद एक कई समझौतों पर मुहर लगाई गई. इनमें भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट, रेलवे, तकनीक, ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस सेक्टर में करार किए गए हैं. भारत और अमेरिका दोनों के बीच जटिल तकनीकों को सुरक्षित रखने और आपस में बांटने का समझौता भी हुआ है. इस दौरान PM Modi ने दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक कर उन्हें भारत में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया है. आइए नजर डालते हैं अमेरिका से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ क्या-क्या सौगात लाने वाले हैं?
1. गुजरात में लगेगा सेमीकंडक्टर प्लांट
अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन (US Chip Company Micron) गुजरात (Gujarat) में अपना प्लांट लगाएगी. इसके तहत कंपनी की ओर से 2.7 अरब डॉलर का निवेश करेगी. पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के बीच ये खबर सामने आई है. मंत्रिमंडल ने एक नए सेमीकंडक्टर टेस्टिंग एंड पैकेजिंग यूनिट (Semiconductor Testing & Packaging Unit) के लिए माइक्रॉन को भारत में इन्वेस्टमेंट करने की मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस समझौते के तहत अमेरिकी सेमिकंडक्टर कंपनी को 1.34 अरब डॉलर के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का भी लाभ मिलेगा.
2. भारतीय रेलवे ने किया अहम करार
भारतीय रेलवे ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा क्लीन एनर्जी और ऊर्जा दक्षता समाधानों पर USAID/भारत के साथ सहयोग की परिकल्पना की गई है. वहीं मिशन नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए भारतीय रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने का प्रयास किया गया है.
3. अर्टेमिस एकॉर्ड्स समझौता
PM Modi के अमेरिका दौरे में जिस सबसे खास समझौतों पर मुहर लगी है. उनमें से एक 'अर्टेमिस एकॉर्ड्स' भी शामिल है. यह समान विचारधारा वाले देशों को नागरिक अंतरिक्ष खोज के मुद्दे पर एक साथ लाता है. नासा और इसरो 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त मिशन पर सहमत हुए हैं. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देना होगा. इससे भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका के सहयोगी हैं.
4. फाइटर जेट्स इंजन प्लांट
भारत में GE एयरोस्पेस कंपनी के इंजन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को लगाया जाएगा. इसके बाद फाइटर जेट्स के इंजन भी भारत में ही बनने शुरू हो जाएंगे. इसमें भारत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जीई एयरोस्पेस की मदद करेगी. इस प्लांट में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के हल्के लड़ाकू विमान तेजस के मेक-2 (LCA Tejas-Mk2) वैरिएंट के लिए इंजन बनाए जाएंगे. यानी भारतीय वायुसेना सशक्त होगी. उसकी ताकत बढ़ेगी.
5. इंडस-एक्स की शुरुआत
एक और बड़े करार की बात करें तो भारत और अमेरिका मिलकर यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सीलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) शुरू करने पर सहमत हुए हैं. इस नेटवर्क में दोनों देशों की यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री और थिंक टैंक्स शामिल होंगे. इस समझौते के जरिए संयुक्त रूप से रक्षा टेक्नोलॉजी संबंधी इनोवेशन देखने को मिलेंगे. इसी क्रम में अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्पेस फोर्स ने भारत के स्टार्टअप्स 114AI और 3rdiTech के साथ समझौता किया है.
6. iCET की शुरुआत का ऐलान
भारत और अमेरिका दोनों के बीच जटिल तकनीकों को सुरक्षित रखने और आपस में बांटने का समझौता भी हुआ है. इसके साथ ही इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) की शुरुआत भी की गई है. हालांकि इसकी शुरुआत इस साल जनवरी में हो गई थी, लेकिन आधिकारिक घोषणा पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान की गई है.
7. प्रीडेटर ड्रोन (एमक्यू-9 रीपर)
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर एक मेगा डील का ऐलान भी किया है. एमक्यू-9 रीपर ड्रोन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी तैनाती हिंद महासागर, चीनी सीमा के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. करीब 29 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे से भारत को 30 लड़ाकू ड्रोन मिलेंगे.
8. भारत में दो नए अमेरिकी दूतावास
अमेरिका भारत में बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने वाला है. इसके अलावा भारतीयों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सिएटल में एक मिशन स्थापित किया जाएगा. बैठक के दौरान जहां दोनों नेताओं ने विभिन्न समझौतों पर अपनी रजामंदी पेश की.
तो वहीं इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमान प्राप्त करने के लिए बोइंग के साथ एयर इंडिया के ऐतिहासिक समझौते का फिर से स्वागत किया. वहीं सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार, लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने और वैश्विक डिजिटल समावेशन को सक्षम करने पर भी एकमत नजर आए. अमेरिका ने एआई पर वैश्विक साझेदारी के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व का भी समर्थन किया. दोनों नेताओं ने भारत में 10 अरब डॉलर के भारत डिजिटलीकरण फंड के माध्यम से निवेश जारी रखने की Google की पहल की सराहना की. बता दें भारत में अपने AI रिसर्च सेंटर के माध्यम से, Google 100 से अधिक भारतीय भाषाओं का समर्थन करने के लिए मॉडल बना रहा है.