ठगी का नया तरीका ई-चालान का क्यूआर कोड भेजकर कर रहे ठगी
रायपुर
मैं रायपुर कोर्ट से बोल रहा हूं, आपकी गाड़ी का चालान कटा है। यदि आपने पैसे जमा नहीं किए तो गाड़ी जब्त हो जाएगी। ऐसा बोलकर ठगों ने लोगों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है। वे क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इनके नंबर केवल यातायात विभाग के पास हैं। ऐसे में ठगों को ये नंबर कैसे मिला, इसे लेकर रहस्य गहराया हुआ है। अब तक दो लोगों ने क्यूआरकोड से पैसे जमा होने पर ठगी की शिकायत करवाई है।
यातायात विभाग के पोर्टल में चालान अपटेड नहीं होने पर पीड़ितों को ठगी का संदेह हुआ। जानकारी जुटाने पर संदेह सही पाया गया। अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शातिर ठग यातायात नियम तोड़ने पर फाइन जमा करने संबंधित मैसेज भी भेज रहे हैं। इस तरह ठगों ने अब यातायात पुलिस के चालान में सेंध लगाना शुरू कर दिया है। ऐसी शिकायत यातायात विभाग में दो लोगों ने की है।
नंबर कहां से हो रहे लीक?
पुलिस के लिए ठगी की यह घटना बड़ी समस्या बन गई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यातायात विभाग द्वारा नियम को तोड़ने वाले को फोन नंबर पर या फिर डाक के माध्यम से चालान के साथ वाट्सएप या मैसेज के माध्यम से ही सूचनाएं भेजी जाती है। जिस नंबर में मैसेज किए जा रहे हैं, उसकी जानकारी विभाग के पास होती है। ठगों के पास संबंधित नंबरों का पहुंचना जांच का विषय है।
सावधान रहें, सरकारी नंबर से आता है मैसेज
यातायात पुलिस के अनुसार, ई-चालान सरकारी नंबर से मैसेज किया जाता है। ये नंबर-9479191234 है। इसके अलावा किसी भी नंबर से चालान का मैसेज नहीं किया जाता है। चालान किस वजह से कटा है इसकी जानकारी, फोटो के साथ और किस चौक में हुआ, यह भेजा जाता है।
ऐसे कर रहे हैं ठगी
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि मेरे मोबाइल नंबर पर फोन आया। फोन करने वाली एक लड़की थी। जिसने खुद को बिलासपुर कोर्ट का होना बताया और ई-चालान नहीं जमा करने पर बाइक को जब्त करने की बात कही। शिकायकर्ता ने चालान जमा करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। फोन करने वाली लड़की ने वाट्सएप पर क्यूआर कोड भेजा और कहा इसी में स्कैन कर भेज दो। स्कैन करते ही उसके एकाउंट से दो हजार रुपये कट गए। बाद में जब उसने यातायात विभाग से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि उसका चालान पटा ही नहीं है।
पीड़ित ने चालान के नाम पर ही पैसे पटाए हैं। जिस नंबर से फोन आया था, जानकारी जुटाने साइबर सेल की सहायता ली जाएगी। -सतीश ठाकुर, डीएसपी, ट्रैफिक, यातायात