वैगनर चीफ ने ‘ऑपरेशन मॉस्को’ रोका, लेकिन क्या खत्म हो गया पुतिन का पावर? जानिए डील की इनसाइड स्टोरी
रूस
वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने ऑपरेशन मॉस्को रोक दिया है और उन्होंने अपने 'भाड़े के सैनिकों' को वापस लौटने का आदेश दे दिया है। जिसके बाद खबर है, कि जिन क्षेत्रों में प्रिगोजिन के लड़ाके पहुंच गये थे, उन्होंने उन क्षेत्रों को खाली करना शुरू कर दिया है। प्रिगोजन ने ऑपरेशन मॉस्को रोकने के पीछे की वजह 'खून खराबा' रोकना कहा है और अपने सैनिकों को यूक्रेन में अपने फील्ड कैंपों में वापस जाने का आदेश दिया है। लेकिन, क्या व्लादिमीर पुतिन, वैगनर चीफ को माफ कर पाएंगे? वैगनर चीफ प्रिगोजिन ने सिर्फ 12 घंटे के अंदर रूस के राष्ट्रपति की ताकत को ना सिर्फ चैलेंज किया, बल्कि उन्हें असहाय की तरह बना दिया। ये रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह था, जिसने पुतिन की इज्जत और उनकी मजबूत छवि को तार-तार कर दिया है।
वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन और रूस के बीच में समझौता करवाया है, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने, जो पुतिन का दायां हाथ माने जाते हैं। ये समझौता उस वक्त हुआ, जब प्रिगोजिन के सैनिक क्रेमलिन से सिर्फ 200 किलोमीटर की दूरी तक पहुंच गये थे। क्रेमलिन ने कहा है, कि वैगनर समूह के प्रमुख प्रिगोजिन बेलारूस चले जाएंगे और उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चलेगा। क्रेमलिन के एक प्रवक्ता के अनुसार, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रिगोजिन और उनकी सेनाओं के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चलाने की शर्त मान ली है, क्योंकि उनका "सर्वोच्च लक्ष्य" "अप्रत्याशित परिणामों के साथ रक्तपात और आंतरिक टकराव से बचना था।"
इससे पहले, बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के कार्यालय ने घोषणा की थी, कि उन्होंने वैगनर को मॉस्को बढ़ने से रोकने और तनाव को कम करने के लिए और अगला कदम उठाने के लिए, प्रिगोजिन के साथ एक समझौते पर बातचीत की है। इस बयान में जिक्र किया गया था, कि प्रस्तावित समझौते में वैगनर सैनिकों के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल है, हालांकि यह विस्तार से नहीं बताया गया कि रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को हटाने के लिए प्रिगोजिन की मांग पूरी की जाएगी या नहीं।