November 27, 2024

गोंड़वाना साम्राज्य के धरोहरों को संरक्षित कर सरकार ने समाज का गौरव बढ़ाया – केन्द्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते

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अनूपपुर.
गोंड़वाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती की शौर्य गाथा, आदर्शों और सिद्धातों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्‍य से गौरव यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। रानी दुर्गावती अजर अमर हैं। सोलहवीं शताब्दी में गोंड़वाना और गढ़ा-मण्डला की महारानी दुर्गावती ने मुगल साम्राज्य अकबर के आक्रांता सेनाओं से अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए लोहा लिया और जबलपुर के निकट नर्रई नाला के पास वीरगति पाई। ऐसी वीरांगना रानी दुर्गावती के 500 वें बलिदान दिवस पर मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

उक्ताशय के विचार भारत सरकार के इस्पात एवं पंचायत ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जिला मुख्यालय अनूपपुर स्थित लाडली लक्ष्मी वाटिका (पार्क) में रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के सभा/संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष रामदास पुरी, नगरपालिका अनूपपुर की अध्यक्ष अंजुलिका सिंह, एसडीएम दीपशिखा भगत, तहसीलदार आदित्य द्विवेदी, नायब तहसीलदार मंगलादास चक्रवर्ती, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक संचालक अशोक शर्मा, एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य मुलायम सिंह परिहार, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पाण्डेय, पूर्व जनपद अध्यक्ष पुष्पराजगढ़ हीरा सिंह श्याम, जनपद पंचायत अनूपपुर के उपाध्यक्ष तेजभान सिंह, रश्मि खरे, पार्षद संजय चौधरी, राजा तिवारी, विधायक प्रतिनिधि शैलेन्द्र सिंह, फुक्कू सोनी, अमोल सिंह मार्को, दुर्गा, चन्द्रिका द्विवेदी, योगेन्द्र राय, पुष्पा पटेल, उर्मिला शर्मा, नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक डी.एन. मिश्रा सहित बड़ी संख्या में नागरिक तथा स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के अनूपपुर पहुंचने पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। महिलाओं ने यात्रा में शामिल लोगों का चंदन, वंदन तथा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर भारत सरकार के इस्पात एवं पंचायत ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गोंड़वाना सपूतों और वीरांगनाओं को सम्मान देने के साथ ही उनके पुरातात्विक स्थलों को संरक्षण प्रदान कर जनजातीय समाज का मान-सम्मान बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि गोंड़वाना साम्राज्य में 63 गोंड़ राजाओं ने 1400 वर्षों तक अपना शासन किया। महाराजा संग्राम सिंह ने 1543 ई. में, राजा दलपत शाह, राजा वीर नारायण, रानी दुर्गावती, राजा चन्द्रशाह, राजा हिर्देशाही, राजा निजाम शाही एवं 1857 में अंग्रेजों के विरूद्ध लड़कर शहीद हुए राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा कि राजा संग्राम शाह के पुत्र राजा दलपत शाह 1543-1550 ई. से रानी दुर्गावती का विवाह हुआ। इनके पति दलपत शाह की मृत्यु उपरांत रानी दुर्गावती ने 1550 से 1564 तक शासन किया। उन्होंने बताया कि गोंड़वाना साम्राज्य की अवधि के दौरान 52 गढ़ों के अन्दर 63 रियासत रही। गोंड़वाना शासकों ने ताल-तलैया, कृषि के साथ ही नागरिक विकास, संरक्षण सहित विकास के अनेक कार्य किए, जो आज भी जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती ने 51 युद्धों को जीता। ऐसी वीरांगना के गौरव गाथा से आने वाली पीढ़ी अवगत हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गोंड़वाना साम्राज्य के शासकों की स्मृति से जन-जन को अवगत कराने के लिए अनेक स्मारकों, संग्रहालयों के निर्माण के साथ ही धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों को उल्लेखनीय बताते हुए कल्याणकारी कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर वीरांगना रानी दुर्गावती अमर रहे का उदघोष किया।  

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष रामदास पुरी ने वीरांगना रानी दुर्गावती तथा गौरव यात्रा के संबंध में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती की यशोगाथा सर्वोच्च प्रतिष्ठित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सर्वांगीण विकास तथा जनजातियों के कल्याण और उत्थान के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को ऐतिहासिक तथ्यों से परिचित होना जरूरी है। इसलिए गौरव यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री देश के आन, बान और शान को जगाने का कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पाण्डेय द्वारा तथा आभार प्रदर्शन गौरव यात्रा के स्थानीय प्रभारी शिवरतन वर्मा द्वारा किया गया।

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