फर्रुखाबाद के लड़के के अपहरण में BHU की छात्रा कानपुर से गिरफ्तार, प्रेम त्रिकोण में हत्या की आशंका
वाराणसी
यूपी के फर्रुखाबाद के रहने वाले लड़के के अपहरण में आरोपित छात्रा अनुष्का तिवारी को भेलूपुर पुलिस ने शनिवार को कल्याणपुर (कानपुर) से गिरफ्तार कर लिया। आशंका है कि त्रिकोणीय प्रेम संबंध में युवक को साजिश के तहत वाराणसी बुलाकर अपहरण कर लिया गया था। घटना में छात्रा का एक दोस्त भी शामिल था। युवक के परिजन उसकी हत्या की आशंका जता रहे हैं। इसकी पुष्टि के लिए चंदौली के अलीनगर क्षेत्र में 27 मई को मिली लाश की पहचान के लिए उन्हें बुलाया गया है।
फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) के मऊ दरवाजा के कुइयावुट बाईपास निवासी रामकिशोर यादव का 22 वर्षीय पुत्र देवांश 25 मई को वाराणसी आया था। परिजनों के मुताबिक वह बीएचयू में पढ़ने वाली दोस्त अनुष्का तिवारी से मिलने की बात कहकर निकला था। यहां आने पर वह अस्सी स्थित होटल में रुका था। पिता के अनुसार अगले दिन देवांश की दोस्त श्रीवत्स से व्हाट्सएप पर बात हुई। 27 मई को देवांश का मोबाइल बंद हो गया। इस पर श्रीवत्स ने अनुष्का को कॉल किया। तब अनुष्का ने कहा कि उसकी देवांश से लड़ाई हुई है। वह उसके बारे में नहीं जानती। आशंका के आधार पर पिता रामकिशोर ने अनुष्का, उसके पिता सौरभ व चाचा सौजन्य तिवारी के खिलाफ भेलूपुर थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया। भेलूपुर में इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने बताया कि युवती को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
लापता होने के 13 दिन बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) के मऊ दरवाजा के कुइयावुट बाईपास निवासी देवांश यादव के लापता होने के बाद से मां और पिता अनहोनी की आशंका जता रहे थे। बेटे को ढूंढने के लिए थाने से लगायत पुलिस आयुक्त और डीजीपी ऑफिस की चौखट तक पहुंचे। देवांश के लापता होने के 13 दिन बाद भेलूपुर पुलिस ने छात्रा अनुष्का और उसके पिता व चाचा पर अपहरण का केस दर्ज किया।
देवांश 25 मई को वाराणसी आया। अस्सी पर होटल पैराडाइज में रुका। 26 मई को होटल से निकला, फिर लापता हो गया। फुटेज में 26 मई की शाम 6.51 बजे अस्सी नाले के पास देवांश टी-शर्ट और लोवर में मोबाइल पर बात करता तेजी से भागता दिख रहा है। इसके बाद उसका पता नहीं चल सका था। 27 मई को जब उसके दोस्त श्रीवत्स ने बात करने की कोशिश की, तब देवांश का फोन बंद मिला। इसके बाद उसने देवांश के पिता रामकिशोर को जानकारी दी। देवांश के मां और पिता भागे भागे वाराणसी आए। भेलूपुर थाने में गुहार लगाई। बावजूद पुलिस ने इसे हल्के में लिया। 29 मई को भेलूपुर पुलिस ने महज गुमशुदगी दर्ज की। जब देवांश का पता नहीं चल सका, पिता दर दर भटकते हुए पुलिस अफसरों तक पहुंचे। एडिशनल सीपी के आदेश पर आठ जून को पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया। केस दर्ज करने के करीब 15 दिन बाद युवती को गिरफ्तार कर सकी है।
देवांश का फोन अनलॉक करवाने की कोशिश
देवांश जिस होटल में रुका था, वहां कमरे में लैपटॉप चला था। लैपटॉप पर उसका व्हाट्सएप भी चल रहा था। 26 मई की शाम किसी का फोन आया। इसके बाद घबराहट में वह होटल के कमरे से लैपटॉप खुला छोड़कर मोबाइल पर बात करते हुए लोवर और टी शर्ट पहने दौड़ते भागा। सीसीटीवी कैमरे में उसे भागते देखा गया था। वह काफी घबराया हुआ था। उसके बाद से उसका फिर पता नहीं चल सका। पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि देवांश के फोन का लॉक भी तोड़वाने की कोशिश की गई। जिन लोगों ने अपहरण किया, उन्होंने उसका फोन अपने पास रख लिया था। फोन से सबूत मिटाने के लिए अनलॉक करवाने को आरोपित कई मोबाइल सेंटर पर गए थे।